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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकाव्य संग्रह के बारे में आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का कथन "साहित्य समाज का दर्पण होता है, कहीं न कहीं सत्य चरितार्थ होता है और यह आपको देखने को पूरे काव्य संग्रह में मिलेगी
साहित्य और समाज का संबंध अन्योन्याश्रित जो हमारे और आपके बीच में चलता रहता है तथा हमारे चारों ओर घट रही घटनाओं का प्रभाव साहित्य पर भी पड़ता है। उन्हीं शब्दों को आधार बनाकर प्रस्तुत काव्य संग्रह "काव्य कुसुम" में आपको देखने को मिलेगी जिस प्रकार से कुसुम अपने सुगंध से चारों ओर खुशबू बिखेरती है उसी प्रकार से यह संग्रह अच्छाइयों को फैलाती व विस्तारित करती है।कविता निश्चित रूप से समाज को या समाज में रहने वाले हर एक बुद्धिजीवी वर्ग , पाठक गणों के लिए कुछ न कुछ अवश्य संदेश देगी जो सकारात्मकता की ओर ले जाने में मदद करेगी यह संग्रह कहीं ना कहीं गांव से लेकर शहर, शहर से लेकर देश या कह सकते हैं कि हमारे और आपके आस-पास जो घटनाएं घटती हैं।उन घटनाओं को आधार बनाकर शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करने का एक प्रयास किया गया है।
डॉ राम शरण सेठ
छटहाॅं मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
डॉ. राम शरण सेठ
नाम-डॉ राम शरण सेठ,
जन्मतिथि-01-02-1987
पिता -श्री शिवधारी,
माता-श्रीमती शिवकुमारी,
पत्नी -श्रीमती सुनीता
निवास- छटहाॅं मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
प्रवक्ता-डायट फिरोजाबाद
प्रकाशित काव्य संग्रह -समय के रंग, गुब्बारे (बाल काव्य संग्रह),समय-कुसमय,, जीवन एक जिज्ञासा, इन्द्रधनुष, मिट्टी की महक, काव्याचित्र के विभिन्न रूप , रंगों का संवाद एवं समय-समय पर निकलने वाली मासिक, छमाही और वार्षिक पत्रिका में रचनाओं का प्रकाशन और आनलाईन माध्यम से विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ तथा 100 से अधिक सम्मान विभिन्न साहित्यिक मंचों द्वारा सम्मानित ।
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