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Khamosh Zikr / ख़ामोश ज़िक्र

Author Name: Gaurav Chaaras Negi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

वह सारे जज़्बात जिन्हें आज हम चुटकी में दरकिनार कर सकते हैं, जब पहले-पहल महसूस हुए थे, तब उनका जो रुतबा था, वही रुतबा आज भी इस किताब में कायम है। यह छोटी -छोटी कविताएं, कच्ची-पक्की गजलें गज़लें, लावारिस शेर, मैं सच कहूं तो मेरी जिंदगी के तमाम जज़्बातों की तहरीरें हैं जो अधूरी रह कर भी मुकम्मल किस्सा बन गईं। मेरी डायरी में कई गज जगह इन किस्सों और जज़्बातों की है। यह अपने से लगेंगे आपको, अगर आप जज़्बाती हुए।

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गौरव चारस नेगी

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में पले-बड़े गौरव ‘चारस’ नेगी का बचपन शिमला और किन्नौर के पहाड़ों में बीता है। पेशे से बैंकर और शख्सियत से शायर, चारस ने इन्हीं पहाड़ों की ख़ामोशी और अपनी गुफ्तगू को कलम में उतारा है। ‘ख़ामोश ज़िक्र’ इनका पहला कविता संग्रह है।

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