यह किताब निकुंज द्वारा लिखी गई कुछ कविताओं का संकलन है जो उसके निजी जीवन में हुए अलग अलग अनुभवों से प्रेरित है जैसे की उसका हॉस्टल में रहना या कई दिनों बाद अपनी माँ के पास घर लौट के आना या अपने पिता को अपनी बड़ी बहन की शादी में भाव-विभोर होते देखना। साथ ही निकुंज ने अपनी कविताओं में उन अलग अलग बातों से भी प्रेरणा ली है जो आज के समय में महत्वपूर्ण हैं और जिनके बारे में हम सबको बात करनी चाहिये जैसे की औरतों पर होते अत्याचार या मज़हब के नाम पर होते क़त्ल। निकुंज ने इनका वर्णन कहीं अपने अनुभवों के द्वारा किया है, तो कहीं हल्के फुल्के कटाक्ष के साथ या कहीं रूपक तौर पे। सब मिलाकर, ये एक आज के युवक द्वारा लिखी गयी आज ही के बारे में कुछ कवितायें हैं जिन से इसके पढ़ने वाले अपने आप को जुडा़ हुआ महसूस करेंगे।