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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalNikunj is a Recruitment Consultant by profession, and has been a Young India Fellow, 2019. He is an economics undergraduate, and spent four and a half years with Google in India and Australia as a digital marketer. He has been writing short poems, as a kid and as an adult. He believes his poetry isn’t meant for people who are seeking depth or solace. His poetry is chaotic and he largely uses simple language to express the chaos. Nikunj believes his poetry should reach the youngest and the oldest alike. He derives inspiration from his mother who is an avid reader and a poetesRead More...
Nikunj is a Recruitment Consultant by profession, and has been a Young India Fellow, 2019. He is an economics undergraduate, and spent four and a half years with Google in India and Australia as a digital marketer.
He has been writing short poems, as a kid and as an adult. He believes his poetry isn’t meant for people who are seeking depth or solace. His poetry is chaotic and he largely uses simple language to express the chaos. Nikunj believes his poetry should reach the youngest and the oldest alike.
He derives inspiration from his mother who is an avid reader and a poetess in her own right.
His favourite authors are Devdutt Pattanaik, Shashi Tharoor, Manto and Ismat Chughtai.
You can reach him on Instagram @midnightmusings1208 if you have any questions, feedback or suggestions!
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"इसलिए" निकुंज द्वारा लिखी गई कुछ कविताओं का संकलन है।
इन कविताओं द्वारा निकुंज आपको, जो पाठक हैं, एक स्वप्निल दुनिया में ले जाना चाहता है। कभी वो दुनिया राजनीति
"इसलिए" निकुंज द्वारा लिखी गई कुछ कविताओं का संकलन है।
इन कविताओं द्वारा निकुंज आपको, जो पाठक हैं, एक स्वप्निल दुनिया में ले जाना चाहता है। कभी वो दुनिया राजनीति के इर्द-गिर्द घूमेगी, कभी मन के भावों की जो गेंद हैं - उसके जैसी अस्थिर होगी।
कभी प्यार से सराबोर, कभी उसी प्यार से दूर भागती हुई। कभी अपने ही शब्दों का विरोधाभास करते हुए, कभी उनके समर्थन में।
कभी उस दुनिया से आप जुदा महसूस करेंगे, तो कभी आप खुद को उसमें समाहित पायेंगे।
निकुंज ये चाहता है कि किसी न किसी रूप में, ये दुनिया यथार्थ हो जाये। और इन कविताओं के माध्यम से वो इसी मनोकामना की अभिव्य्क्ति करने की एक कोशिश कर रहा है।
यह किताब निकुंज द्वारा लिखी गई कुछ कविताओं का संकलन है जो उसके निजी जीवन में हुए अलग अलग अनुभवों से प्रेरित है जैसे की उसका
यह किताब निकुंज द्वारा लिखी गई कुछ कविताओं का संकलन है जो उसके निजी जीवन में हुए अलग अलग अनुभवों से प्रेरित है जैसे की उसका हॉस्टल में रहना या कई दिनों बाद अपनी माँ के पास घर लौट के आना या अपने पिता को अपनी बड़ी बहन की शादी में भाव-विभोर होते देखना। साथ ही निकुंज ने अपनी कविताओं में उन अलग अलग बातों से भी प्रेरणा ली है जो आज के समय में महत्वपूर्ण हैं और जिनके बारे में हम सबको बात करनी चाहिये जैसे की औरतों पर होते अत्याचार या मज़हब के नाम पर होते क़त्ल। निकुंज ने इनका वर्णन कहीं अपने अनुभवों के द्वारा किया है, तो कहीं हल्के फुल्के कटाक्ष के साथ या कहीं रूपक तौर पे। सब मिलाकर, ये एक आज के युवक द्वारा लिखी गयी आज ही के बारे में कुछ कवितायें हैं जिन से इसके पढ़ने वाले अपने आप को जुडा़ हुआ महसूस करेंगे।
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