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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआप इस पुस्तक के माध्यम से जुड़ रहे हैं, बहुत बहुत धन्यवाद!
लामा फेरा चिकित्सा पद्धति आपको अंतर शक्ति एवं मानसिक क्षमताओं का विकास कर रोगों का उपचार करने में सहायक है। यह अवचेतन मन को चैतन्य कर अनुभूति की गहराइयों में उतरने की निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसे कोई भी सीख सकता है।
लामा फेरा पद्धति किसी भी चिकित्सा पद्धति का विरोध नहीं करती, बल्कि उपचार में सहायक होती है । और इसका उपयोग अन्य पद्धतियों के साथ किया जा सकता है। लामा फेरा हीलिंग सतत रूप से चलने वाली प्रक्रिया है जिसका विकास स्वयं के द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर निर्भर है तथा परिणाम व्यक्तिगत स्तर पर अलग अलग हो सकते हैं।
संजीव शर्मा
रेकी एवं लामा फेरा ग्रैंडमास्टर संजीव शर्मा
कृष्ण की पावन लीला स्थली मथुरा (ओल) में जमींदार परिवार में जन्म, आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक, क्रिया योग परम्परा के पांचवें गुरु श्री शैलेन्द्र शर्मा जी के शिष्य एवं उनकी पुस्तक हठयोग प्रदीपिका की यौगिक व्याख्या एवं गोरखबोध के हिन्दी अनुवादक, केन्द्रीय सेवा में सेवारत, प्राकृतिक चिकित्सक, सुजोक एक्यूप्रेशर एवं आरिक्युलर चिकित्सक एवं रेकी ग्रांड मास्टर।
रेकी ग्रैंडमास्टर मंजू वाशिष्ठ
कृष्ण की पावन भूमि मथुरा में जन्म, निवास कोटा राजस्थान। लाहिड़ी महाशय, परमहंस योगानंद जी द्वारा प्रचारित, क्रियायोग परम्परा के पांचवें गुरु श्री शैलेन्द्र शर्मा जी (गोवर्धन में विराजित) की शिष्या बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। परिवार के सहयोग एवं लेखन अभिरुचि के चलते, सामाजिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य सम्बन्धी लेख विभिन्न समाचार पत्र, पत्रिकाओं में प्रकाशित। आगरा युनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एवं योग में डिप्लोमा एवं हीलिंग पद्धति से रेकी ग्रांड मास्टर।
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