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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक लोकतंत्र की खोज संसद भवन या नेताओं की रैली में नहीं करती है। यह पुस्तक लोकतन्त्र की खोज करती है चाय की चर्चाओं में, रेल के डिब्बों में, शयनकक्ष में, परिवार के निर्णयों में, प्रेमियों की चर्चाओं में, प्र्कृती के साथ सम्बन्धों में, ईश्वर की भक्ति में और जिहाद के नारों के बीच में। यह पुस्तक लोकतन्त्र को राजनीतिक आले से निकालकर धरातल पर बिछाने का प्रयास करती है।
कुमार संवाद
परिचय मेरी पुस्तक की प्रासंगिकता को बढ़ा तो सकता है क्यूंकी उससे मेरा विषय पर अधिकार सिद्ध हो जाएगा किन्तु वह उस लोकतन्त्र की भावना के विरूद्ध है जो प्रत्येक चेतना को महत्वपूर्ण समझती है। मुझे अपनी लोकतान्त्रिक चेतना की अभिव्यक्ति मात्र समझ कर इस पुस्तक में प्रवेश करें ताकि यह पुस्तक आपको अपनी अनुभव हो।
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