महावीर सूत्र (न कभी पढ़ा, न कभी सुना) | इस सूत्र का महावीर स्वामी जी से कोई संबंध नहीं हैं| ये सूत्र तो हमारे सतगुरु जी द्वारा करवाया गया है | इसका सिर्फ नाम महावीर जी से मिलता हैं|
यह सूत्र मौन हो जाने के बारे में हैं | मौन मतलब शांत होना | शांत अंदर से होना, बाहर से मौन होने की कोई बात ही नहीं हैं | शरीर के बहुत मौन व्रत करवा लिए, अब जिस ने खुद को मौन करना हैं वो इस सूत्र को जरूर पढ़े | इसमे शरीरो की कोई बात ही नहीं हैं, इस मे सिर्फ और सिर्फ आत्मा की बात हैं(मेरी बात हैं) | ये सूत्र भगवान जी के शब्द हैं, इसमे परमात्मा की वाणी हैं| इसमे जो कहा गया हैं वो हमारे सतगुरु जी के द्वारा प्रदान की गई परमात्मा की वाणी है | हम इतना ही आप सब से कहना चाहते हैं की हर कोई इस सूत्र को नहीं समझ पाएगा , जिस पर परमात्मा की महर होगी वो ही इस सूत्र को समझ सकेगा | जब परमात्मा ने हम से यह सूत्र करवाया तो तब हमें भी कुछ पता नहीं था | तब हमारे साथ भी कितने लोगो ने शुरू किया पर हर कोई इस को खतम नहीं कर पाया और जिन लोगो ने खत्म किया उन्होने हमारे साथ शुरू किया ही नहीं था | इस सूत्र से भगवान जी जिसका चाहे, उसका जीवन परिवर्तन हो सकता है | पर एक बात है इस सूत्र पर पूर्ण विशवास हो तभी इस को पढ़े |