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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palभजन और कीर्तन शरीर, मन और आत्मा तीनों को एक साथ आनंदित करने के साथ परमात्मा से जोड़ने का कार्य करते हैं । कुछ लोगों को लगता है कि उनकी राग अच्छी नहीं है इसलिए वे भजन नहीं गाते किंतु यदि वे ईश्वर पर विश्वास करते हैं तो मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि भजन गाने के लिए राग कि नहीं भाव की आवश्यकता पड़ती है ।
भजन कीर्तन में यदि भाव जुड़ गया तो स्वतः आनंद और परमात्मा अनुभूति मिलने लगती है ।
पं. मानस राजऋषि
पं.मानस राजऋषि
जन्म – 1 अगस्त 1983 प्रतापगढ़ ,उत्तर-प्रदेश
अन्य पुस्तकें: एक ग्रह लाल पर्वत वाला, 7 चक्रों का रहस्य, ध्यान रहस्य, ज्योतिष रहस्य, सुषमा पुराण, प्राकृतिक चिकित्सा और योग, गांधी एक सफल अष्टांगयोगी, मानस भजनसंग्रह, आत्मा रहस्य, हनुमान चालीसा, मूल प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद, ए लनेट ऑफ रेड माउन्टेन , अजना टैरो कार्ड
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