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Muhana / मुहाना Part -1

Author Name: Dharmendra Mishra | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

ये उपन्यास आधुनिक विज्ञान की रूप रेखा के आधार पर काल्पनिक अवधारणा के आधार पर विषय -वस्तु तैयार की गई है। जहाँ पात्र गतिशीलता और स्थिरता का अनुभव एक साथ करते है ।जीवन परिकल्पना है या वास्तविकता अगर है तो पहले परिकल्पना ने वास्तविकता को जन्म दिया  या  वास्तविकता ने परिकल्पना  को ? कल्पना और वास्तविक दुनिया में  कोई  अंतर  मालूम  नहीं पड़ता  ।

जीवन के अस्तित्व को जानने की जद्दोजहद में जीवन से उठने वाले हर सवाल पात्र को बेईमानी से लगते है जैसे खाली  मन  का चढ़ाव  और उतार सागर  में उठती गिरती  लहरे एक  छोर  से  देखने  पर  आती  हुई  प्रतीत  होती  है दूसरे  छोर  से  देखने  पर  जाती  हुई  प्रतीत  होती  है।भौतिक सीमा  में बधे होने के कारण  व्यक्ति एक साथ दोनों  छोर  का  दृष्टा अवलोकन  नहीं  कर सकता ।जीवित व्यक्ति मृत्यु के बाद के सत्य को प्रमाणित नहीं कर सकता, मृत व्यक्ति जीवन को प्रमाणित नहीं कर सकता इसके लिए उस व्यक्ति का दोनों सिरे पर एक ही समय पर उपलब्ध होना आवश्यक है।चलते  है एक  ऐसे  ही समय के जाल  में उलझी रहस्य  रोमांच  और  विज्ञानं  के  अद्धभुत प्रयोग  से  भरे  सफर  मे  जहाँ  काल्पनिक और वास्तविक दुनिया  के  मुहाने पर जिंदगी और  मौत एक साथ रूबरू है ।

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~धर्मेंद्र मिश्रा

धर्मेंद्र मिश्रा हिंदी विधा के एक उम्दा कहानीकार ,उपन्यासकार और दार्शनिक हैं ,जिनकी कई पुस्तकें प्रकशित हैं जैसे कि धारणवाद ;अमूर्तदर्शन ,घोस्ट हंटर ;मौत की दावत ,दायरा ,मुहाना ,कहानी संसार ,सैर सपाटा ,लम्पट ,आबरू जैसी कई पुस्तकों का लेखन किया है। 

अधिक जानकारी के लिए उनके आधिकारिक वेबसाइट पे जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं;
www.authorwindow.in

मेल आईडी ;dharmendra.mishra90@outlook.com

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