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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palस्मृतियों में कहीं हिलगे कुछ किस्से थे, जो बेचैनियों में तब्दील हो कागज़ों पर उतर आए और अब किताब के रूप में आपके सामने हैं। यह किताब हाशिए पर ढकेल दी गई उन मामूली जिंदगियों की दास्तान कहती है जो अपनी ईहा, जीवटता, जद्दोजहद से अपने जीने का अर्थ, अपनी पहचान तलाश ही लेती हैं। आम से खास होते जाने की कहानियाँ।
इला सिंह
इला सिंह का जन्म अक्टूबर 1967 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज़िला हापुड़ के गाँव सपनावत में हुआ। बारहवीं तक की शिक्षा गाँव सपनावत में सम्पन्न की। बीए, एमए और बीएड विवाह हो जाने के पश्चात। गृहस्थ जीवन की ज़िम्मेदारियों में व्यस्त रहने के बाद भी पढ़ने का शौक बदस्तूर जारी रहा। हाँ, लिखना बस लिखकर छिपा देने तक सीमित था। 2015 में दोनों बेटों के शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर जाने पर ज़िम्मेदारियां कुछ कम हुईं। सोशल मीडिया से संपर्क हुआ। फ़ेसबुक पर वह समय साहित्यिक सैलाब का था। प्रोत्साहित हो मन के अन्तरतम में दबे पीले पड़ चुके पन्ने भी फड़फड़ाने लगे। छोटी-छोटी कविताएं पोस्ट कीं, जिनका परिणाम उत्साहवर्धक रहा। पहली कहानी 'अम्मा' प्रतिष्ठित पत्रिका 'कथादेश' में छपी। कथादेश के अलावा परीकथा, कथाक्रम, अक्षरपर्व, त्रिवेणी, विभोम स्वर, संस्पर्श, आर्यकल्प, सेतु पिट्सबर्ग से प्रकाशित पत्रिकाओं में भी समय-समय पर कहानियाँ प्रकाशित होती रही हैं। लघुकथा डॉट काम में भी एक लघु कथा प्रकाशित।
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