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Musings of a Wandering Soul / मैं से में तक एक अनजान शायर का सफर / Ek Anjaan Shayar Ka Safar

Author Name: Maneek Kumar 'Manu' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

इस जहान में जहाँ हर इंसान जीवन की आपा-धापी में खोया खुद से दूर महसूस करता है, यह संरचना उन सब के लिए इस जीवन रूपी मरुस्थल में एक नख़लिस्तान की तरह है। यह शायर के अंदर के शोर, द्वन्द, और उस से निकलने की कोशिश को बखूबी बयान करती है। यह एक सफ़र है, जहां कहीं शायर एक पेचीदा इंसान नज़र आता है, तो कहीं एक रूमानी आशिक़, जो हक़ीक़ी और फ़लसफ़े के बीच में उलझा महसूस करता है। यूँ तो इस संरचनात्मक प्रति के शब्द लेखक के दिमाग़ की उपज हैं मगर यह एक आशिक़ के दिल का फ़साना, या यूँ कहें कि शायर के दिल के ऐसे अनमोल लम्हे हैं जो हरदम समय से परे कहीं देखने की ख्वाहिश रखते हैं। यद्यपि यह कृतियाँ शायर के पच्चीस सालों के सफ़र और उस में हासिल किए तजुर्बों का गुलदस्ता है, मगर हर पढ़ने वाले के लिए इनके माने अलग हो सकते हैं। यह शायर के ख़्वाबों का आईना है, उसको पाने की जुस्तजू है, इस जीने और मरने के द्वन्द से निकलने की कोशिश है। 

शायर यह आशा करता है कि यहाँ संकलित ग़ज़लें, नज़्में और कविताएँ ना सिर्फ़ आपके जीवन में घटित लम्हों का आईना बनेंगी अपितु आपके दिल और दिमाग़ में उपजे सवालों का जवाब भी बनेंगी। 

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मनीक कुमार ‘मनु’

लुधिआना में जन्मे मनीक कुमार उर्फ़ मनु, सिविल इंजीनियरिंग के प्राध्यापक हैं, जो अपने आप को 'पटिआलावी' ज्यादा मानते हैं। अपनी ज़िन्दगी के सुनहरे और जीवंत ३३ साल इन्होंने पटिआला में ही व्यतीत किये हैं। थापर इंस्टिट्यूट में सफर जो बतौर एक सिवल इंजीनियरिंग के छात्र के रूप में सनं १९८७ में शुरू हुआ वह सन १९९३ मैं एक शिक्षक के रूप में स्थापित हुआ। कवि की अग्रिम शिक्षा कुंदन विद्या मंदिर लुधिअना से संम्पन हुयी। बीते तीस सालों के व्यवसाय में मनीक ने अनगिनत छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इनको इनके विद्यार्थी प्रेम से 'मनीक सर' के नाम से सम्बोधित करते हैं।

तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होने के साथ-साथ कवि का शायरी की पृष्ट्भूमि से जुड़ना एक खूबसूरत इत्तेफ़ाक़ कहा जाये तो गलत नहीं होगा। प्रस्तुत रचनातमक प्रति को दुनिया के समक्ष लाने की प्रेरणा कवि को इनके मित्रों एवं धर्मपत्नी आरती से मिली जिनसे कवि अपनी रचनायें अक्सर साँझा किया करते थे।

वर्त्तमान में मनीक कुमार डी. आई. टी. विश्वविद्यायल देहरादून में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। यह यहाँ अपनी पत्नी, आरती एवं अपने बच्चों, सिद्धार्थ एवं वृंदा के साथ रह रहें हैं। लिखने के साथ मनीक बैडमिंटन खेलना और म्यूजिक, खासकर गुलज़ार साहिब और जगजीत सिंह की ग़ज़लें सुनना पसंद करते हैं। 

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