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10 Years of Celebrating Indie Authors
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह दुनिया एक आभासी दुनिया है। यह आपके और हमारे विचारों से निर्मित है। हमारे विचार, हमारी सोच से निर्मित होते हैं, हमारी सोच हमारे वातावरण पर निर्भर करती हैं, वातावरण हमारे नियंत्रण में नहीं होता, अतः हमारे विचार हमारे व्यवहार को प्रभावित करते हैं, इसी कारण से पीढ़ी दर पीढ़ी विचार और व्यवहार में परिवर्तन होता रहता है। पिछली पीढ़ी के विचार अगली पीढ़ी तक उसी रूप में नहीं पहुंचते उनमें बदलाव स्वाभाविक है।
क्योंकि समय बदलता है, इसलिए विचार बदलते हैं, विचार बदलते हैं इसलिए व्यवहार बदलता है, व्यवहार बदलता है इस कारण अगली पीढ़ी पिछली पीढ़ी की तुलना में अधिक उत्साहित होती हैं और यही उत्साह जीवन हैं। अर्थात हमारा नज़रिया ही हमारी दशा और दिशा निर्धारित करता है । किसी ने सही कहा हैं-
कश्तियाँ बदलने की जरूरत ही कहा हैं ?
कश्ती के रूख को बदलो किनारे बदल जायेंगे।
सोच को बदलो सितारें बदल जायेंगे।
नज़रिये को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे।
'कैलाशी' पुनीत डी.
कैलाश पुनीत डी.
मुख्य आयोजना अधिकारी
संयुक्त निदेशक अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी
उदयपुर, राजस्थान, भारत
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