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pehli nazar ka pehla pyar / पहली नज़र का पहला प्यार

Author Name: Vikram Nagwanshi | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

मैं अपनी ये किताब उन सभी स्टूडेंट को समर्पित करता हूँ | जो हॉस्टल मे रहते है, या पी.जी में रहते है उनको,और उन सभी स्टूडेंड को जो कॉलेज पास कर चुके  है| और अपनी नौकरी  के लिए आज कही न कही बाहर रहते है|जब वो स्टूडेंट इस किताब को पढ़े  तो उनको उनकी कॉलेज के वो दिन याद आ जाए और उनके चेहरे में गम, टेंशन भूल कर खाली मुस्कुराहट आ जाए |

          मेरी  यह किताब विशेष कर उन स्टूडेंड/लडको के लिए है जो प्यार में धोका या किसी प्रकार से अपने प्रेमी से अलग होने पर आत्म हत्या या शराबी बकर घूमते है मैं  उनको उनको बताना चाहता हूँ | कि किसी के जाने के बाद भी जिंदगी होती है।

             रही बात प्यार की तो प्यार तो श्री कृष्ण  जी की तरह करनी चाहिए  | जैसे उनका प्यार राधा रानी के लिए अटूट होने के बाद भी उन्होंने राधा रानी के, साथ के बिना भी अपनी ज़िन्दगी गुजारी | जरुरी नहीं होता की आप जिसको चाहो वो आपको मिले | पर उसके न मिलने से ज़िन्दगी भी वंही नहीं रूकती |

         "ये किताब मेरी एक छोटी सी कोशिश है"

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विक्रम नागवंशी

मेरा नाम विक्रम नागवंशी है| वैसे मैं एक टेक्नीकल स्टूडेंट रहा हूँ | पर मैं अभी वर्तमान में एक वो बरोजगार व्यक्ति  हूँ | जो आज इस भेड़ चाल  की दुनिया में कंही न कंही अपनी खुद की पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा रहा है |
                 मैं अपने बारे में क्या लिखूं मैं तो उस कोरे किताब की तरह हूँ जिसमे आप जो लिखोगे वो ही आपको दिखेगा | आप चाहो तो उस कोरे कागज़  में  कोई महत्वपूर्ण शब्द लिख  कर उसकी महत्ता बढ़ा दो | या उस पर  दाग  लगा कर  उसकी महत्ता ही ख़त्म कर दो।

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