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PRARTHANA GIT / प्रार्थना-गीत

Author Name: Mihir Jagruti Vora | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

प्रार्थना दरअसल निर्बल की सबसे बड़ी शक्ति है। प्रार्थना के स्वर में गुथी वेदना ह्रदय को बींध देती है। जब सारे उपाय निष्फल हो जाते हैं तो प्रार्थना ही सहारा बनती है। प्रार्थना के आप्त स्वर ईश्वर तक पहुंचते अवश्य हैं। प्रार्थना सकारात्मक ऊर्जा का भी उत्तम स्रोत है। मन में उमड़ रहे भावों को शब्द चाहिए होते हैं। जब किसी सुंदर प्रार्थना में वो शब्द मिल जाते हैं तो फिर आवाज़ कंठ के साथ ही ह्रदय से भी निकलती है।जब किसी सुंदर प्रार्थना में वो शब्द मिल जाते हैं तो फिर आवाज़ कंठ के साथ ही ह्रदय से भी निकलती है। इसीलिए प्रचलित प्रार्थनाओं के अलावा कुछ प्रार्थना-गीत जब भावों को उस स्तर पर छू पाए तो वो बहुत मशहूर हो गए।

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मिहिर जागृति वोरा

मैं 22 वर्षों से एक भौतिक विज्ञान शिक्षक के रूप में काम कर रहा हूं और कच्छ मित्र, कच्छ प्रहरी, आजकल, गुजरात समाचार, संदेश, कच्छ श्रुति, कच्छ रचना, कच्छ अर्पण, कच्छ गुर्जरी, विवेकग्राम, मंगल जैसे अखबारों में लगभग 1500 गुजराती लेख लिख चुका हूं। मंदिर, स्वर, ऑफ साइंस, विज्ञान चेतना, साद, साहित्य सौरभ जीवन शिक्षण, संप्रत शिक्षण, ओजस, ई विद्या नगर, साहित्य मंथन आदि पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखक के रूप में प्रकाशित हुए हैं।

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