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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस बुक के अंदर ४५ कविताएं समाई हुई हैं. इस बुक की संगरचना कुछ दोस्तों ने मिलकर की है. "राज़ हमारे अल्फ़ाज़ों का" एक एसी किताब है जो नॉन पोएट्री लवर्स को भी पोएट्री से मोहब्बत करा देगा। इस पुस्तक में काफी सारे विषयों पर कविता लिखी गयी है, जिसे अगर आप पढ़ेंगे तो आपके आखों को सुकून मिलेगा।इस किताब को बड़े आशा से लिखा गया है और इसमें छिपे हर अलफ़ाज़ आपको इसके ऑथर के करीब कर देंगी| आप शायद कल्पना भी नहीं कर पायंगे कि आज की पीढ़ी भी कविताओं को लिखना पसंद करती है और शब्दों को इतना अच्छा मोड़ दे सकती है|
शाम्भवी सिंह, आन्या सिन्हा, वैष्णवी श्रीवास्तव, रुचिका झा, शिवानशी सिंह,सोनल रॉय
इस किताब के ऑथर्स में एक चीज सामान्य है कि सभी विद्यार्थी हैं|
शाम्भवी सिंह, वैष्णवी श्रीवास्तव और शिवांशी सिंह क्लास XI के विद्यार्थी हैं | सोनल रॉय और रुचिका झा क्लास X के विद्यार्थी हैं| ान्या सिन्हा UPSC एस्पिरैंट हैं और साथ ही पार्ट टाइम इंग्लिश टीचर भी हैं| इन सभी ऑथर्स ने काफी कम उम्र में अपने कलम से आपके दिल को छू लेने वाली कविताएं लिखी हैं| आपको विश्वास ही नहीं होगा कि आज की पीढ़ी भी कविताएं लिखने का ख्वाहिश रखती है|
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