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Ram ka ANTARDWA / राम का अंतर्द्वंद्व

Author Name: Dr. Vinay Kumar Singhal "nishchhal" | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

इस लघुखंड काव्य की एक और बड़ी विशेषता यह है कि यह खंड काव्य छंद बद्ध है और राम के अन्तर्मन में उठने वाले हर संचारी भाव को ,जो समय-समय पर पानी के बुलबुलों की तरह संचरण करते हैं,उन्हें विनय जी ने क्रमानुसार अनुक्रमणिका में डाला है।यह प्रयास इस काव्य की मौलिक अभिव्यक्ति है ।

  

डॉ. वीणा शंकर शर्मा 

चित्रलेखा,

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डॉ. विनय कुमार सिंघल "निश्छल"

मेरा जन्म लाला प्रेम प्रकाश, बिजली वाले व श्रीमती प्रकाश वती के घर बाजार सीता राम, दिल्ली-११० ००६ में ११-०७-१९४९ (श्रावण मास के प्रथम सोमवार) को हुआ। मैंने B.Sc.,LL.B. व गणित, विधि, हिन्दी, अँग्रेज़ी में स्नातकोत्तर अध्ययन के अतिरिक्त पत्रकारिता, ज्योतिष, अंक-विद्या, हस्त-रेखा विज्ञान, सामुद्रिक शास्त्र, गायन, पेंटिंग, पोर्ट्रेट्स, समस्त इनडोर व आउटडोर गेम्स, एथलैटिक्स आदि में दक्षता प्राप्त की। १९६७ से अनवरत हिन्दी कविताएँ लिख रहा हूँ 

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