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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजैसे की सब कहते है, हर किसी की एक कहानी होती है और उस कहानी को समझना कई बार कठिन काम होता है. हम सभी अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जाते है और हमारे आस-पास चल रही घटनाओं को नजरंदाज करते है. इसी नजरंदाजी में हम उन लोगो और व्यक्तित्वो को भी भूल जाते है जो हमारी जिंदगी के बेहतरीन लम्हों को पूर्णविराम देते है.
यह किताब और उनमे समाविष्ट 24 कहानियाँ उन्ही व्यक्तित्वों और घटनाओं पर लक्ष केंद्रित करने का प्रयास करती है. किताब छोटी है, किन्तु हर कहानी की अपनी एक अलग गहराई है. यह किताब आपको प्रेम, विश्वास, और अनुभूति की ओर का सफर तय करने में जरुर मदद करेगी.
प्रविण वानखेडे
प्रविण वानखेडे, जलगाँव, महाराष्ट्र में रहने वाले एक युवक है जो फ़िलहाल समुदाय विकास क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी विभागों की कड़ीयो को जोड़ने की कोशिश कर रहे है. इन्हें घूमना पसंद है और उसी के साथ-साथ लोगों की कहानियाँ लिखना जिन्हें हम कई बार पहचाननेसे इनकार कर देते है.
बचपन की, अपने गाँव की ऐसी कई यादें है जिनसे इन्हें लिखने की प्रेरणा मिली. सोलह साल की उम्र से इन्होने अपनी मातृभाषा मराठी में लिखना शुरू किया और घुमक्कड़पन की वजह से हिंदी भाषा भी उन्हें अपनी लगने लगी. ब्लॉग के माध्यम से उन्होंने अपनी कहानियाँ लिखना शुरू की थी और यह उनकी दूसरी किताब है. प्रविण सामाजिक समस्याएँ और लोगों की आंतरिक भावनाओं पर लिखना पसंद करते है, और इसी वजह से उनकी कहानियाँ दिल में एक अलग घर बनाती है.
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