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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palतलाश ज़िंदगी की अनुज सुब्रत की अभी तक की दूसरी किताब है। इतनी कम उम्र में ही यह शायर अपने क़लम से एक वहशीपन, दर्द और अपने अश्कों की ज़बान लिखने लगा। इनके कलाम में आपको ज़िंदगी से झुँझलाहट, मोहब्बत की तहक़ीक़ और आशना की सुंदरता पे कहे गए बेहद ख़ूबसूरत कलाम मिलेंगे, हालांकि शायर ने इन तमाम बातों तमाम फ़सानों से इंकार किया है,
"जिसने भी पूछा सबसे इंकार किया 'सुब्रत'
नाहीं कोई फ़साना था नाहीं कोई फ़साना है"
मगर ये भी है कि बिना दर्द के इस प्रकार का दर्द भी नहीं लिखा जा सकता है, और ऐसे ही शायर ने इस बात पे भी ज़ोर दिया है कि उसने कितने आँसू कितने दर्द से अपने कलाम को लिखा है,
"हमने कितने अश्कों से अश'आर को लिखा है
तुम क्या जानो दर्द-ए-दिल की तमन्ना क्या है"
और यही बातें बिहार के एक छोटे से शहर मोतीपुर में जन्मे २० वर्षीय अनुज सुब्रत को नायाब बनाती है। हालांकि, अनुज सुब्रत हिंदी, उर्दू, फ़ारसी, संस्कृत और भोजपुरी में लिखते है और ऊपर से इनकी सोच और लिखने का ढंग इनको पढ़ने और समझने में आम लोगों के लिए मुश्किलें पैदा करता है।
अनुज सुब्रत
अनुज सुब्रत
जन्म स्थान :- मोतीपुर, बिहार
जन्म तिथि :- 14 फरवरी 2002
उम्र :- 20 वर्ष
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