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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“पुस्तक परिचय”
एक नई युवा लेखिका “देवदेवांशी” की कलम से पहली बार निकलकर आई है एक बेहद ही रोमंचक और हैरान कर देने वाली कहानी| जिसे पढ़ने के बाद खुद से एक सवाल होगा- “ये कोरी कल्पना है या फ़िर हक़ीक़त”
“यह कोई प्रेम कहानी नहीं, ये कहानी है इच्छाओं की, जिसका कोई अंत नहीं..”
जब आप किसी महंगे और शानदार फाइवस्टार हॉटेल में रुक जाते हैं तो आपको वहां टिप देने के लिए मज़बूर होना ही पड़ता है, और भला ये बात मुझसे बेहतर कौन जान सकता है|
हाय! मै निया डिसूज़ा, मिडिल क्लास फ़ैमिली से बिलॉन्ग करने वाली, एक हाई क्लास की लड़की.. अगर मै एक मर्द होती तो आप मुझे जज़् करने की तकलीफ़ शायद ही उठाते, लेकिन मै हूँ “एक कम उम्र लड़की” और आप मुझे ज़्यादा पसंद नहीं करने वाले क्यूंकि ---
१. मै ज़रूरत से ज़्यादा डिज़ायरेबल हूँ.
२. ज़रूरत से ज़्यादा मिस्टीरियस हूँ.
३. ज़रूरत से ज़्यादा बोल्ड, और खुश हूँ.
स्वागत है आपका कभी ना खत्म होने वाली इच्छाओं की दुनिया में – जहां सामना होगा आपका एक “रहस्यमयी रोमांचक” कहानी से, जो शुरुआत में भर देगा “रोमांच”, और आगे बढ़ेगा एक “सस्पेंस” के साथ..और बन के रह जाने वाला है, अनसुलझा “मर्डर”|
देवदेवांशी
“लेखक परिचय”
पहली बार लेखन के क्षेत्र में कदम रखने वाली एक युवा लेखिका “देवदेवांशी” आप सभी पाठकों के लिए हैरतअंगेज बुक सीरीज़ “द बर्निंग डिज़ायर” लेकर आईं है| “देवदेवांशी” को आप “डीडी” के नाम से भी बुला सकते हैं| ‘प्रयागराज’ (इलाहाबाद) जैसे छोटे से शहर से निकलकर आने वाली देवांशी अपने करियर के शुरुआती दिनों में मॉडलिंग और ऐक्टिंग की दुनिया में कदम रखना चाहती थीं, जिसकी ओर उन्होंने रुख भी किया| किन्तु दुर्भाग्यवश उसी समय एक “क्रोनिकल ऑटो इम्यूनिटी डिसॉर्डर” की वज़ह से शारीरिक तौर पर असमर्थ हो जाने के कारण उन्होंने अपनी भावनाओं को कागज पर उकेरना शुरु कर दिया| छोटी सी उम्र में जीवन के तमाम पहलुओं से गुज़रकर, और कई तरह की विकट चुनौतियों का सामना कर, देवांशी ने पहली बार समाज़ के सामने स्त्री के अनेक स्वरूपों में से एक रहस्यमयी चेहरे से रुबरु करवाने का प्रयास किया है|
देवांशी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा प्रयागराज से ही प्राप्त की, और वही के “आई.ई.आर.टी”. इंजीनयरिंग कॉलेज से मैनज़मेंट में डिप्लोमा करने के बाद, कानपुर शहर पहुंचकर वहां यूनिवर्सिटी से बीए की परीक्षा ‘इंग्लिश लिटरेचर’ और ‘इतिहास’ विषय में उत्तीर्ण की| देवांशी ने परास्नातक की डिग्री “मेरठ यूनिवर्सिटी” से प्राप्त की है| इन दिनों देवांशी अपने ‘पीएचडी’ करने की तैयारी में व्यस्त हैं|
“देवदेवांशी” को आप इंस्टाग्राम पर “dipali347” के नाम से फ़ॉलों कर सकते हैं| साथ ही उनसे कान्टैक्ट करने के लिए उनकी आईडी dipali347@gmail.com पर जा सकते हैं|
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