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Thirukkual-2 / तिरुक्कुरल-2

Author Name: S. Anandakrishnan | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details


 तमिळ भाषा में  तिरुक्कुरल  सातवीं  शताब्दी  का नीति ग्रंथ  है।  इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में  आधुनिक  लोगों  के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे  प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता  और अनेक  बातें, शासकों  की योग्य  बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार  में  रूठ, नायक नायिका  मिलन आदि की सीख मिलती है।
 इस ग्रंथ  के बारे में  कहा गया है कि
सरस में  सात समुन्दर  के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद  करेंगे।
पाठकों  से निवेदन  है कि अपनी सुझाव  दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.

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यस. आनंदकृष्णन

मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन  है।
 मैं  अपने विचारों  को अपनी भाषा  अपनी शैली,  अपने  विचार  के आधार  पर फेसबुक  के विभिन्न दलों  को भेज  रहा हूँ।   उनके प्रोत्साहन  और प्रेरणा  समय समय पर मिल रही है।   अतः उन विचारों  के संग्रह को
किताब के रूप में   कई  भागों  में
प्रकाशित  कर रहा हूँ।
आशा  है कि  पाठक पसंद  करेंगे।
निवेदन  कि गुणों  की प्रशंसा कीजिए। दोषों  को उल्लेख  कीजिए।My Email:
sanantha.50@gmail.com.

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