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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palछाया वो स्थान है जो हमें ग्रीष्म, वर्षा और शीत के प्रकोप से बचने के लिए आश्रय देता हैं। कड़कड़ाते धूप के असह्य ताप में छाया ही वह सुकून का दरिया होता है जो हमारी सहायता करता है। कुछ इसी प्रकार का छाया-रूपी निःस्वार्थ प्रेम प्रदान करने वाले होते हैं- हमारे नाना-नानी और दादा-दादी। 'उनकी धन्य छाया' एक ऐसी ही संकलित किताब है जिसमें विभिन्न तरह के अनुभवों को समूहित किया गया है विभिन्न लेखकों के द्वारा। आईये 'उनकी धन्य छाया' के माध्यम से हम उनके प्रेम-पूर्ण ममता और आशीर्वादी छाया का अनुभव करें और आश्रय लें।
स्मृति त्रिवेदी & ऋद्धी गुप्ता
स्मृति त्रिवेदी झारखंड से ताल्लुक रखती हैं ।इन्होंने यहीं के धनबाद शहर से अपनी शिक्षा ग्रहण की है और वर्तमान में स्नातक में अंग्रेजी साहित्य पढ़ रही हैं। इन्हें कविताएं लिखने का बहुत शौक है ।महिलाओं और लड़कियों के विषय में इन्हें लिखना और उनकी परेशानियों को अपनी कलम के माध्य से दर्शाना इनको अच्छा लगता हैं ।समाज में कुछ कम बात किए जाने वाले विषयों के बारे में उल्लेख करना और लोगों को जागरूक करने को ये अपना धर्म मानती हैं और इसके लिए अपने कलम की ताकत को नमन करती हैं। इंस्टाग्राम आईडी – Smriti_trivedy_23
ऋद्धि गुप्ता धनबाद की रहने वाली हैं और ये अंग्रेज़ी में स्नातक की छात्रा हैं जो वर्तमान में कलकत्ता विश्वविद्यालय से ज्ञान अर्जित कर रही हैं। इन्हें किताबें पढ़ने और अंकन क्रिया में बहुत रुचि है। इसी के साथ इन्हें कविताएँ लिखने में भी दिलचस्पी है। इन्हें हिंदी साहित्य से बहुत प्रेम है और प्रेमचंद इनके प्रिय लेखक हैं। इंस्टा आईडी- riddhi_gupta09
E-mail- riddhititas@gmail.com
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