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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपरिवार हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा होता है या ये कहना ज्यादा ठीक होगा कि हम इसका एक हिस्सा होते हैं। परिवार की अहमियत किसी भी अन्य संस्था से कम नहीं आंकी जा सकती है। एक गृहिणी के लिए परिवार को संभालना किसी जद्दोजहद से कम नहीं होता जिसमें कभी वह खुशी के सागर में गोते लगाती है तो कभी किनारे की चट्टानों से टकराकर लहूलुहान हो जाती है, फिर भी वह तैरकर वापिस आती है क्योंकि यह उसका परिवार है और इसे वही संभाल सकती है। कभी-कभी साधारण स्त्री के सामने भी ऐसी दुविधा आ जाती है कि वह समझ नहीं पाती की आखिर क्या विकल्प चुना जाये?
लक्ष्मी मुकेश गाते
लक्ष्मी मुकेश गाते वैसे तो एक कॉमर्स पोस्ट-ग्रेज्यूएट और एडवोकेट हैं लेकिन वह ‘गृहिणी होना’ को भी एक महत्वपूर्ण परिचय के रूप में देखती हैं। स्कूल समय से ही डायरी लेखन का शौक था जो बाद में धीरे-धीरे कहानी लेखन की विधा में बदल गया। वर्तमान में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में हैं और सरकारी कार्यालयों में अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं।
Email- laxmigate23@gmail.com
Facebook- https://www.facebook.com/laxmi.gate.54
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