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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअगर आपके हाथ में सिर्फ़ एक रस्सी हो और सामने आपके सपनों का एक पहाड़ खड़ा हो— तो क्या आप फिर भी पहला कदम बढ़ाएंगे?
“ये आसमां तेरे कदमों में है” सिर्फ़ कविताओं की किताब नहीं, बल्कि विश्वास, संघर्ष और आत्मबल की एक सच्ची यात्रा है। यह उन लोगों के लिए है जो जानते हैं कि शुरुआत अक्सर अकेले करनी पड़ती है, लेकिन अगर आत्मविश्वास साथ हो, तो रास्ते में हजारों हाथ जुड़ते चले जाते हैं।
इस किताब की पंक्तियाँ असफलताओं, डर, टूटती उम्मीदों और फिर भी बार-बार खड़े होने की जिद से जन्मी हैं। यह बताती हैं कि कैसे उम्मीद की एक साधारण रस्सी, धीरे-धीरे ज्ञान, अनुभव और विश्वास से मिलकर एक हथौड़े में बदल जाती है— जो पहाड़ों की छाती पर भी लकीर खींच सकती है।
ये किताब आपको आसान जवाब नहीं देगी, लेकिन वह एक सवाल ज़रूर जगा देगी जो आपके अंदर दोबारा कोशिश करने की ताकत भर दे। अगर आपने कभी कोई सपना देखा है, अगर आप कभी अपने लक्ष्य के सामने खुद को छोटा महसूस कर चुके हैं, अगर आप मानते हैं कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से हर असंभव संभव हो सकता है— तो “ये आसमां तेरे कदमों में है” आपके ही सफ़र की आवाज़ है। क्योंकि कभी-कभी, एक ही पंक्ति काफी होती है— हाथ में हथौड़ा थमाने के लिए।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.ऋषभ भट्ट
ऋषभ भट्ट एक भारतीय कवि और कथा-लेखक हैं, जिनका लेखन प्रेम, विरह, चुप्पी, आस्था, इतिहास और मानवीय भावनाओं के भीतर छिपे मौन सत्यों को छूता है। वे हिंदी, ऊर्दू और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखते हैं और अपनी भावनात्मक कविताओं व आत्ममंथन से भरी कहानियों के लिए जाने जाते हैं, जो उन पाठकों से जुड़ती हैं जो शब्दों से आगे कुछ तलाशते हैं।
उनकी साहित्यिक यात्रा में प्रेम-कविता, प्रेरणात्मक रचनाएँ, भक्ति लेखन, ऐतिहासिक विषय और समकालीन कथा-साहित्य शामिल हैं, जहाँ सरल भाषा के साथ भावनात्मक गहराई देखने को मिलती है। ऋषभ का मानना है कि लेखन पूर्णता का नहीं, बल्कि सच्चाई का नाम है—और उनकी रचनाएँ अक्सर उन भावनाओं को आवाज़ देती हैं जो कही नहीं जातीं, लेकिन गहराई से महसूस की जाती हैं।
वे कई कविता-संग्रहों और कथा-कृतियों के लेखक हैं, जिनमें मैं उसको ढूंढूंगा अब कहां?, देव वंदना, सिंधपति दाहिर : 712 AD, Incompleteness At Every Turn और Unsaid Yet Felt शामिल हैं। उनकी पुस्तकें Pothi.com, Amazon, Flipkart और Notion Press के माध्यम से प्रकाशित हैं।
पुस्तकों के अलावा उनकी कविताएँ Amar Ujala Kavya, Pratilipi, Pocket FM और Arattai जैसे प्रमुख साहित्यिक मंचों पर भी पढ़ी जाती हैं, जहाँ उनका लेखन निरंतर नए पाठकों तक पहुँच रहा है। वे अपने आधिकारिक साहित्यिक ब्लॉग RishNova पर भी मौलिक रचनाएँ प्रकाशित करते हैं, जो उनकी कविता और रचनात्मक अभिव्यक्ति का निजी संसार है।
अपने लेखन के माध्यम से ऋषभ भट्ट आज भी उन पाठकों से जुड़ते हैं, जो मानते हैं कि कविता सिर्फ पढ़ी नहीं जाती—उसे जिया जाता है।
ऑफिशल वेबसाइट:
rishabhbhatt1729.blogspot.com
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