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Aao-na fir se tum / आओ-ना फिर से तुम

Author Name: Om Prakash Lovevanshi 'sangam' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ लम्हें इस तरह से गुजर जाते हैं जिनको वह फिर से जीना चाहता है।
उन लम्हों को आजीवन याद रखना चाहता है।
रचनाकार ने बीते लम्हों को लेखनी के माध्यम से काव्य विधा में ढ़ालकर एक पुस्तक का रूप दिया है। काव्य संग्रह 'आओ-ना फिर से तुम' में बचपन,गाँव,बारिश,सावन,स्कूल,प्रेम,दोस्ती,खेतों में लहराती फसलों के इर्द-गिर्द घूमती हुई कविताओं के साथ ही नारी जागरूकता और प्रेरणात्मक कविताएं शामिल हैं।
किस तरह विज्ञान के युग में बचपन खोता जा रहा हैं। छात्र किस तरह से अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहता है तब उसको घर की याद आती हैं, अपने बचपन के दोस्तों को कैसे याद करता है उनको फिर से गाँव बुलाता है और फिर से बचपन में खो जाना चाहता है।।

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ओम प्रकाश लववंशी 'संगम'

ओम प्रकाश लववंशी "संगम" का जन्म राजस्थान के बाराँ जिले के गाँव देहलनपुर में हुआ है। उनकी उम्र 24 साल है। आपके पिता का नाम श्री परमानंद और माता का नाम दोली बाई है। उनकी रचनाएँ 50 से अधिक एंथोलॉजी और 16 बार मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई।
आपने कलम की गूँज  नामक साझा काव्य संग्रह का सम्पादन किया है।आपने स्कूली शिक्षा GBBN स्कूल हरनावदाशाहजी से की है। 
कोटा विश्वविधालय से स्नातक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, कोटा से प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से शिक्षा में स्नातक उपाधि। अब  ओपन यूनिवर्सिटी कोटा से हिंदी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे है।

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