अल्फाज़ जो लाखों दिलों के अन्दर अलग अलग तरह से अलग अलग रूप में कहीं न कहीं छुपे हुए हैं। जाने कितने एहसास छुपे हुए हैं उन चन्द अल्फाज़ो में, जो शायद हैं तो चन्द अल्फाज़ ही लेकिन उनकी गहराई को नापना आसान नहीं।
हां! कुछ ऐसे ही एहसासों को ज़ुबान देकर उन्हें शब्दों के रूप में एक दिल से दूसरे दिल तक पहुंचाने का माध्यम है ये पुस्तक, "अल्फाज़, दिल से दिल तक"। जो किसी एक दिल से निकले शब्दों को दूसरे दिल तक पहुंचाएगी।
"अल्फाज़, दिल से दिल तक" नवयुगी लेखकों द्वारा लिखी कविताओं तथा लघु रचनाओं का संकलन है। जिसमें हिंदी भाषा के अतिरिक्त आम बोल चाल के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। जिससे पाठकों इस पुस्तक में प्रकाशित रचनाओं के उद्देश्य से भली भांति अवगत कराया जा सके।
संकलनकर्ता ने पुस्तक के शीर्षक पर प्रकाश निम्नलिखित पंक्तियों द्वारा डाला है:
जाने कितने ही एहसासों की,
शब्द बन कर सुनाएंगे आवाज़।
एक नया अफसाना बनाएंगे,
दिल से दिल तक के अल्फाज़।।