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Anubhav aur Jigyasa / अनुभव और जिज्ञासा

Author Name: Geeta Khati | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

किसी भी कार्य को करने के लिए मनुष्य में जिज्ञासा का होना आवश्यक है । पढ़ने लिखने से ही मनुष्य के मन में जिज्ञासा उत्पन्न होती है जिज्ञासा दुनियां को समझने की इच्छा है।  मनुष्य दुनियां को समझकर ,जानकर नये अनुभव प्राप्त कर सकता है।

पहाड़ों, नदियां पेड़ पौधे दुनियां की हर एक प्राकृतिक ,कृत्रिम रचनाओं निर्माण को देखकर मेरे अंदर जिज्ञासा उत्पन्न होती होती

उसी जिज्ञासा से मैं,नये अनुभवों की और अग्रसर रहतीं हूं।

मेरा मानना है, कि निज लक्ष्य को प्राप्त करने करने लिए मनुष्य के अन्दर अनुभव और जिज्ञासा का होना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए मैंने अपनी किताब का नाम अनुभव और जिज्ञासा रखा।

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गीता खाती

मेरा नाम गीता खाती है मेरी मां का नाम श्रीमती शांति देवी ,पिता का नाम श्री चंदन सिंह है जन्म तो मेरा दिल्ली में हुआ लेकिन मेरी यादों का सिलसिला सुरु होता है उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले रानीखेत के एक गांव से बचपन से ही कहानी सुनने कविता सुनना का बड़ा अच्छा लगता मां मेरी मुझे सुबह उठो लाल अब आंखें खोलो, पानी लाई मुंह धोलो कविता सुनाकर जागाती बडी हुई स्कूल जाने लगी कविताएं कहानियां पढ़ने लगी सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएं सुमित्रानंदन पंत ,जयशंकर प्रसाद , निराला , महादेवी वर्मा आदि कवियों लेखकों की रचनाएं पढ़ी  ,मुझे हिंदी भाषा से बहुत लगाव है

मेरी प्रारंभिक शिक्षा ,और हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की शिक्षा गांव से ही हुई मैंने कुमाऊ विश्वविद्यालय नैनीताल से स्नातक किया और स्नातक करने के बाद में गांव से रोजगार की तलाश में शहर आ गयी |

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