किसी भी कार्य को करने के लिए मनुष्य में जिज्ञासा का होना आवश्यक है । पढ़ने लिखने से ही मनुष्य के मन में जिज्ञासा उत्पन्न होती है जिज्ञासा दुनियां को समझने की इच्छा है। मनुष्य दुनियां को समझकर ,जानकर नये अनुभव प्राप्त कर सकता है।
पहाड़ों, नदियां पेड़ पौधे दुनियां की हर एक प्राकृतिक ,कृत्रिम रचनाओं निर्माण को देखकर मेरे अंदर जिज्ञासा उत्पन्न होती होती
उसी जिज्ञासा से मैं,नये अनुभवों की और अग्रसर रहतीं हूं।
मेरा मानना है, कि निज लक्ष्य को प्राप्त करने करने लिए मनुष्य के अन्दर अनुभव और जिज्ञासा का होना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए मैंने अपनी किताब का नाम अनुभव और जिज्ञासा रखा।