“यह मानसिक स्वास्थ्य पर ‘ऐसा-करो’ और ‘वैसा-मत-करो’ टाइप की किताबों से अलग है जिसे पाठकों का शुरू से अंत तक एक बार में ही पढ़ने का मन करेगा।”
“काश मुझे भी किसी ने ये सारी छोटी-बड़ी बातें बताई होतीं, तो मुझे भी एंग्ज़ायटी से जूझने में काफी मदद मिली होती।”
“इस कृति की खूबसूरती यह है कि एक कठिन विषय पर चित्रों और कविताओं के उपयोग से इतने आसान, आकर्षक और सकारात्मक तरीके से बात करती है।”
“इसे टीनएजर्स और युवाओं के लिए लिखा गया है मगर अडल्ट्स के लिए भी उतना ही काम आ सकती है।”
“लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर बनी, यह जेनेरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स की मदद से लिखी और चित्रित की गई पहली ऐसी पुस्तक हो सकती है।”
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