अर्थसंग्रह पूर्वमीमांसा का ग्रंथ है, और वह भी कर्मकाण्डपरक। अव्युत्पन्न बालकों का जैमिनिशास्त्र में प्रवेश हो सके, इसलिये अर्थसंग्रह नामक ग्रंथ की रचना हुई है। निश्चय ही अर्थसंग्रह की लोकप्रियता का मुख्यकारण उसकी सरलभाषा् एवं शैली है। जैमिनि के सिद्धान्तों में प्रवेश इस ग्रंथ के अध्ययन के विना संभव नहीं है, ऐसा सभी विद्वानों का विचार है। इस लघुकाय ग्रंथ में जैमिनि प्रणीत मीमांसा दर्शन के मुख्य
प्रतिपाद्य विषयों का निरूपण अत्यन्त सारगर्भित एवं सुबोध शैली में होने से इसका निश्चय ही मीमांसा दर्शन के प्रकरण ग्रंथों में विशिष्ट स्थान है।
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