कहानियाँ कुछ तो कहती है , क्योंकि लेखक या लेखिका अपनी गहन एवं अथाह कल्पनाओ के समुन्द्र से विचारो और भावनाओ की मोती चुन-चुनकर वाक्यों में पिरोते है ! तब जाकर कही वास्तविक परिस्थितियो का जीवन्त तस्वीर बनता है ...
सहज प्रेरणादायक व्यक्तित्व, अद्वितीय चरित्र और जीवन संघर्ष के साथ कल्पनाओ की मेल ही लेखनी को जन्म देती है !
थक-सा गया था वह , सामजिक, जातिय और आर्थिक विषमता से लड़ते-लड़ते ! उसे तो बस तनिक ठहराव की चाहत थी ! उसके लिए जिंदगी की तपती -सुलगती धूप की जलन से मुक्ति के खातिर , सुकून की छाँव के कुछ पल भी बेहिसाब थे, पर निर्दयी किस्मत ...
आज एक ऐसी प्रेम-कथा प्रस्तुत कर रहा हूँ , जिसका नायक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का मालिक होने के बाद भी अपनी जिंदगी में सपनो को ना जी पाया और नाहीं सफलता के शीर्ष पर टीक पाया ! जीवन , सामाज और परिस्थितियो में तालमेल बनाने के प्रयासों से हारकर धैर्य खोने लगा !
एक रूमानी प्रेमी , गणित और भौतिकी का बेहतरीन शिक्षक और कहानीकार नशे में डूब अपने वजूद को मिटाने लगा और धीरे -धीरे शीशी में कैद हो गया !
"और वो शीशी में कैद हो गया " कहानी एक अद्भुत चित्रण है , जिसमे मानव भावनाओ , सपनो और संघर्ष के साथ -साथ शिखर से गिर कर शून्य की स्थिति में कैसे एक सम्मानित और प्रतिभाशाली व्यक्ति भी तिरस्कार का पत्र बन जाता है !
प्रेम विवाह की चाहत में तड़प है तो विरह की पीड़ा भी है !
स्वप्न का पर्दा भी है तो हकीकत का सामना भी है !
सम्मान की भोर गर है तो तिरस्कार की साँझ भी है !
कहानी को घटना क्रम के हिसाब से सामंजस्य बनाकर कई अध्याओ में बाँट दिया ! जिससे की कहानी रोचक लगे और स्पष्ट भाव व्यक्त हो सके !
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners