बिहार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रथम प्रचारक और पांचजन्य अखबार के फाउंडिंग एडिटर श्री काशीनाथ मिश्र रचित नाटक ‘अयाची’ आधुनिक मैथिली साहित्य में अभिनेय नाटक की अनमोल कृति है। ‘‘मनुष्य से याचना करना महापाप है। मनुष्य को केवल ईश्वर से याचना करने का अधिकार है’’ करीब 600 साल पहले मिथिला के इस दर्शन को अपने जीवन में उतारनेवाले महामहोपाध्याय श्री भवनाथ मिश्र प्रसिद्ध ‘अयाची’ के जीवन पर आधारित इस नाटक में मिथिला की ज्ञान परंपरा, सामाजिक इतिहास और भौतिक संतुष्टि के संस्कार को बेहतरीन तरीके से लिपिबद्ध किया गया है. इस नाटक का पहला संस्करण 1961 में प्रकाशित हुआ. दूसरा संस्करण आपके समक्ष है.