समय-समय पर पाठकों की रूचि के अनुसार अनेक विद्वान लेखकों ने भारतीय राजस्थानी चित्रकला के इतिहास पर पुस्तके लिखी। राजस्थानी चित्रकला के कालखण्ड के इतिहास का गहन तथा वस्तुनिष्ठ अध्ययन करने के लिए संक्षिप्त विश्लेषणात्मक तथा सूक्ष्म तत्वों को लिखने की आवश्यकता का परिणाम यह पुस्तक है।
इतिहास लिखने में भाषा बदल जाती है तथ्य नहीं बदलते। तथ्य केवल तब बदलते हैं, जब नई खोज होती है, अत: सभी उपलब्ध राजस्थानी पुस्तकों के लेखक विद्वानों के प्रति सादर आभार व्यक्त करना मेरा परम कर्तव्य है। अत: उन सभी विद्वानों के प्रति मैं सादर कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ। जिनके लिखे कला साहित्य ने सभी का मार्ग दर्शन किया है।
अत: मेरी आशा है कि यह पुस्तक पाठकों एवं कला में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी एवं महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।