इस किताब में मैंने सरकार अबु तालिब अलैहिस्सलाम के लिखे व पढे़ अश्शारों को एक जगह जमा करने और उनका ट्रांसक्रिपशन लिखते हुए, हिंदी में तर्जुमा व थोड़ी तफ़्सीर करने की कोशिश की है।
अहलेबैत अलैहिस्सलाम के चाहने वालों के लिए ये किताब किसी तोहफे़ से कम नहीं और दुश्मनाने अहलेबैत के लिए तमाचे की तरह है।
मिम्बर ए रसूल पर बैठकर, मौलवी हज़रात ने हर दौर में, रसूलुल्लाह के प्यारे चचा, मौला अली के बाबा, हसनैन करीमैन के दादा पर झूठी तोहमतें व कुफ्र के फत्वे दिए हैं।
ये किताब पढ़कर आप खुद फैसला करें कि, "ईमान ए अबुतालिब क्या था?"
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मद व अला आले मुहम्मद
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