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DIGEST 2 / डाइजेस्ट 2

Author Name: Khwaab | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

 कुछ सोच के तेरे दिल में अंजान घुसा होगा,

 शायद इसी चुप रहने में जीने का मजा होगा,

 जिस वक्त ये हां तूने, इजहार में भरी होगी,

 जानम तेरा मस्ती से क्या हाल हुआ होगा,

 तेरे घर से वो मंदिर तक, पाए गए आशिक हां,

 या हर गए होंगे, या एक-तरफ़ा रहा होगा...

 सबसे पसंद है मुझे साजन तेरा ये नाम,

 करता नहीं बगैर इश्क मैं कोई भी काम,

 आशिक तो क्या फरिश्ते भी करते हैं एहतेराम

 रखता नशा बुलंद सबसे तेरा इश्क-ए-जाम....

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ख्वाब

वे एक प्रसिद्ध लेखक और कवि भी हैं । उनके लेखन में ज्यादातर प्रेम, घृणा, अकेलापन और कुछ व्यावहारिक सामाजिक मुद्दे शामिल हैं । वह हर छोटे लेखक के लिए खुद को प्रस्तुत करने के लिए एक बेहतर मंच प्राप्त करना संभव बनाते है । वह वर्तमान में जमशेदपुर, झारखंड में रहता है।

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