यह एक साझा संकलन है जिसका नाम "दिल की कलम से" है। इस पुस्तक की संकलनकर्ता नीता शुक्ला है। इस पुस्तक मे सभी ने अपनी कलम को नई धार दी है। जिसमे लेखनी को नए नज़रिये से दिखाया... इसे एक नई उड़ान दी है और ये बताया है की कलम की ज़ोर पर हम क्या नहीं कर सकते। 30 लेखकों द्वारा रचित इस पुस्तक मे आप कलम की नोक पर देखे गये ख्वाबो को पढ़ सकते है। सभी सह लेखको को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और मुझे उम्मीद है की आप इस पुस्तक से प्रभावित होकर आप सभी भी कलम की ताकत को जानेगें।