प्रस्तुत पुस्तक "दिलों की रिपेयर" के लेखक "ओमबीर काजल" हरियाणा राज्य में जिला कुरुक्षेत्र के एक छोटे से गांव छारपुरा के निवासी हैं।इनके पिता जी का नाम श्री बलदेव सिंह व माता जी का नाम श्रीमती सरोज बाला है। ओमबीर काजल जी की बचपन से ही संगीत में रुचि थी, जिसके फलस्वरूप इन्होंने अपनी क्षेत्रीय भाषा में गीत लेखन का कार्य शुरू किया। हरियाणा के वर्तमान ओएसडी व सुप्रसिद्ध गायक गजेंद्र फोगाट जी और हरियाणवी लेखक प्रविंदर राणा जी इनके प्रारंभिक प्रेरणा स्त्रोत रहे; इन्हीं को ये अपना गुरु भी मानते हैं।
बढ़ती उम्र में जिम्मेदारियों व गृहस्थ जीवन में आने के बाद ये कई सालों तक लेखन से दूर रहे। लेकिन माता सरस्वती जी की अनुकंपा और आशीर्वाद से इनके दोस्त प्रदीप गागट और अमित मथाना जी ने इन्हें पुनः लिखने के लिए प्रेरित किया और इन्हें शायरी के क्षेत्र में हाथ आजमाने के लिए कहा और इन्हीं दोस्तों की हौंसला आफजाई और साथ के बल पर इन्होंने दोबारा लेखन में अपना वक्त बिताना शुरू किया। जिसमें इनकी धर्मपत्नी श्रीमती गीता देवी, समस्त ग्राम वासियों और इनकी कार्य स्थली पीएचसी कृष्णा नगर गामड़ी के सभी स्टाफ सदस्य,प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी साथियों ने इनका सहयोग किया और इन्हें लगातार लिखने के लिए प्रेरित करते रहे।फिर दिल्ली में "सफर स्याही का" टीम के साथ जुड़कर इनकी लेखनी को नया आयाम मिला। इन्होंने श्रृंगार,सौंदर्य,वीर,विरह इत्यादि हर रस में अपनी रचनाएं लिखी जो इस पुस्तक के रूप में आपके सामने हैं।
यह अपने लेखन कार्य में किस हद तक सफल रहे हैं इसका निर्णय करना अब आपके हाथ में है।