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Dream (interpretation, in each religion) / स्वप्न (व्याख्या, प्रत्येक धर्म में)

Author Name: Abdul Waheed | Format: Paperback | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

इंसान के जीवन में स्वप्न अर्थात सपने की अत्यधिक महत्वपूर्ण उपयोगिता है, यदि दिन में वह जगता है तो रात भर सपने देखता है, यह एक ऐसा रहस्य जो प्राचीन काल से अब तक खोज निरंतर चली आ रही है। इसकी व्याख्या प्रत्येक धर्म में अलग अलग तरीके से की गई है। कुछ लोगों का यह कहना है कि स्वप्न देखते समय आत्मा शरीर से निकल जाती है लेकिन कुछ का कहना है कि ऐसा नहीं होता है, दिमाग में ही रहती है यही मतभेद  प्राचीन काल से चले आ रहे हैं फिर भी यह एक आज तक अध्ययन का विषय बना रहा है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि स्वप्न में इंसान की आत्मा किसी पैरालल दुनिया में चला जाता है अर्थात हूबहू इसी प्रकार की दूसरी दुनिया है जिसमें वह जो भी करता है बिल्कुल सच होता है। यह पुस्तक इसी विषय पर लिखी गई है, इस पुस्तक में स्वप्न को विज्ञान के माध्यम से बताया गया है और प्रत्येक धर्म में इसका किस प्रकार से चर्चा है वह भी बताया गया है। कृपया इसका अध्ययन करें यदि कोई आपके विचार में या ज्ञान में इस विषय पर कोई चर्चा हो तो कृपया जरूर अवगत करें, जिससे मैं  आप की जानकारी इस पुस्तक में शेयर कर सकू,

धन्यवाद 

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अब्दुल वहीद

मेरा नाम अब्दुल वहीद है, मेरे पिता का नाम स्वर्गीय हाजी उबैदुर्रहमान है व माता का नाम जैबुन्निसा है। मैंने बचपन से ही वैज्ञानिक विचारधारा को पसंद किया है और शांत स्वभाव व पुस्तकों से लगाव रहा है। जिससे मेरी रोज जिज्ञासा रुचि निरंतर नए-नए खोजो की जानकारी में प्रयुक्त रहा है। मैं B.Sc करते समय पालीटेक्निक में सेलेक्शन हो गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया था क्योंकि पिता और भाई का सर्वगवास हो गया था ।मेरे पिता जी की दो बातें जो, मेरे जीवन के लिए अत्यंत अनमोल हैप्रथम– इमानदारी से कमाओ झूठ का सहारा मत लो, दूसरा– अन्न की इज्जत करो और जितना खाना हो उतना ही लो।इसलिए घर की जिम्मेदारी, फिर बाद में विवाह हो जाने के कारण शिक्षा अधूरी रह गई । फिर भी हिम्मत नहीं हारा और आज आपके सामने मेरे विचारों के रूप में पुस्तक उपलब्ध है । मेरे लेख प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में भी छप चुके हैं। यदि कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो कृपया जरुर अवगत कराये । धन्यवाद । पुस्तक पढ़ने के लिए, शुक्रिया,( धन्यवाद, ) यदि पुस्तक में कोई तृटि या कमी लगे तो तत्काल अवगत करें।

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