जो आकर्षण समाज में मान्य है। नियम,कायदे कानून के अनुसार है वह तो ठीक है, परन्तु जो समाज में मान्य नहीं है जिससे समाज में बुराई फैले तथा जो समाज के नियम से विरुद्ध है। जैसे किसी के रूप पर, सुन्दरता पर मोहित होकर छेड़खानी करना, फिर पुलिस द्वारा दण्डित होना अथवा जेल काटना या फांसी चढ़ना आदि।
गाँव नगरों, स्कूल कालेजों अन्य विद्यालयों में तथा रेल बसों में यह पारस्परिक का चारित्रिक आकर्षण देखने और सुनने में आता है जिसके कारण छात्र छात्राएं अपनी विद्या से भी हाथ धो बैठते हैं।
समाज में किसी प्रकार की बुराई न फैले, सब का जीवन सुरक्षित रहे और सब का विद्यार्जन सुचारु रूप से चलता रहे। बस इसी दॄष्टि दोष से सब की भलाई के लिए यह पारस्परिक आकर्षण "दॄष्टि दोष" पर थोड़ा सा संकेत किया है, आशा है यह संकेत मात्र आपके लिए कल्याणकारी होगा।