यह पुस्तक मैंने अपनी कल्पना के आधार पर स्वयं रचित शायरी के रूप में लिखी है। जिसका नाम मैंने “एहसासों के रंग” रखा है। जैसे मौसम बदलते रहते हैं, वैसे ही जिंदगी में भी बदलाव आते जाते रहते हैं। जीवन रथ पर कभी खुशी तो कभी गम सवार रहते है। जिंदगी में अहसासों का दौर चलता रहता है, इन्हीं अहसासों को अल्फाजों के रूप में प्रस्तुत करने की एक कोशिश का नाम "एहसासों के रंग" रखा है।
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