आप एक ऐसी शायरा हैं जिनकी शायरी लोगों में बहुत फेमस है । इनके लिखें हुए शेर और गज़ल पढ़ने के बाद दिलों को सुकून देती है । जी हां आज हम बात करने वाले हैं एक गुमनाम शायरा " आफरीन फहीम " के बारे में जो लोगों के बीच अपनी शायरी के लिए जानी जाती हैं । " आफरीन फहीम " जी का जन्म 22 अप्रैल सन् 1998 में लखनऊ में हुआ था तथा इनके वालिद का नाम फहीम और व मां का नाम तरन्नुम और इनकी एक छोटी बहन भी है जिसका नाम समीरा है । आफरीन फहीम बताती है कि दसवीं के पढ़ाई के दौरान ही इन्हें उर्दू शायरी से लगाव हो गया और बड़े शायर " नसीर काजमी , जॉन एलिया , परवीन शाकिर की किताबों ने इनके जीवन पर गहरा असर डाला ।
" नफ़रत भरी दुनियां में मोहब्बत का पाठ सिर्फ़ उर्दू शायरी ही पढ़ा सकती हैं, उर्दू शायरी पढ़ने वाला व्यक्ति ही लोगों के दुखों और मुसीबतों को समझता हैं, वो हमेशा नरम दिल रहता हैं, और कभी किसी को नफ़रत और चोट नहीं पहुंचा सकता , न ही वो कभी कठोर दिल हो सकता हैं, अपनी बड़ी से बड़ी बातों को 2 लाइन में कह सकता हैं, और दुनियां में मोहब्बत फ़ैला सकता हैं "
आइए पढ़ते है " आफरीन फहीम " जी के कुछ बेहतरीन शेर ।
1 ) *कभी बे_हाल रहती हूं कभी बे_ख़वाब रहती हूं ।।*
*तुझे दिल में बसा कर के सनम बेताब रहती हूं ।।*
2) *बना के अपना तुझे दिल की तख्ती पे आना ||*
*फिर उसके बाद सभी को हराम लिक्खा था ||*