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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalWelcome to Poetries Club. It is basically an organisation to help budding poets and writers to get their own identity and move forward in the field of this literature. We organize many competitions, conferences etc. from time to time to enhance your talent. Join us today...Read More...
Welcome to Poetries Club. It is basically an organisation to help budding poets and writers to get their own identity and move forward in the field of this literature. We organize many competitions, conferences etc. from time to time to enhance your talent. Join us today...
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जब बहुत आशाएं आदमी से दूर है जाती है तो दोबारा उम्मीद बनी रहती है उसे पाने की है। बहुत बड़ी-बड़ी दर्द -गम -तमन्ना -आए -आज की आदमी के भीतर जन्म लेती हैं, तो वह एक उम्मीद भी बना के रखना है
जब बहुत आशाएं आदमी से दूर है जाती है तो दोबारा उम्मीद बनी रहती है उसे पाने की है। बहुत बड़ी-बड़ी दर्द -गम -तमन्ना -आए -आज की आदमी के भीतर जन्म लेती हैं, तो वह एक उम्मीद भी बना के रखना है। इस उपन्यास को मैंने अपनी कॉलेज लाइफ के दौरान लिखा था तब मैं जवान था- मेरे अंदर कुछ हसरतें थी। सब कुछ कुछ अरमान थे सब कुछ मेरे अनुभव के ऊपर भी निर्भर करता था - आसपास के वातावरण - और एक सोच भी जन्म लेती थी -सचिन लाइफ थी कुछ अच्छे थे कुछ बुरे थे। उसी जीवन के आधार पर उम्मीद लगाई जाती थी, सोचा जाता था - क्या है - क्या करें, ऐसा जीवन जिया जाए तो भविष्य में क्या होगा।
क्योंकि उसे समय हम जवान थे हमारे ख्याल भी जवान थे तो हम उसे अनुभव को लेकर भी चलते थे- समय के साथ अनुभव बदल चुका है- आज कुछ हो - फिर भी यह एक फिल्मी स्टोरी सी लगती है - वह एक सांस्कृतिक लड़की थी -उसका फ्रेंड भी एक उच्च घराने से लड़का था - कॉलेज के बदमाशों ने उसके साथ जो हरकत कि दोनों की जिंदगी बदल गई।
आप उपन्यास पड़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि दोनों के पास कोई और रास्ता नहीं था -अरे आखिर में जब वह मिले तो लगा उनकी उम्मीदें जाग चुकी है और उनके जिंदगी में दीप जल चुके हैं। आप इसे पढ़िए अच्छा लगे तो हमसे संपर्क भी करें।
Essential Knowledge: A Comprehensive Guide to India" by Utkarsh Awasthi is an illuminating and indispensable resource that provides readers with a thorough understanding of India's multifaceted landscape. This comprehensive guide takes you on a journey through the rich tapestry of India, offering a nuanced exploration of its history, culture, and contemporary dynamics.
Essential Knowledge: A Comprehensive Guide to India" by Utkarsh Awasthi is an illuminating and indispensable resource that provides readers with a thorough understanding of India's multifaceted landscape. This comprehensive guide takes you on a journey through the rich tapestry of India, offering a nuanced exploration of its history, culture, and contemporary dynamics.
तीन महीने के उपरान्त प्लास्टर कट गया और मुझे याद नही कि मुझे उस पास के स्कूल में मेरा बड़ा भाई मुझे टाट पर बिछा आता था शायद ये सोचकर कि शायद कुछ समय के लिए घर से बाहर हो जाएगा क्योंक
तीन महीने के उपरान्त प्लास्टर कट गया और मुझे याद नही कि मुझे उस पास के स्कूल में मेरा बड़ा भाई मुझे टाट पर बिछा आता था शायद ये सोचकर कि शायद कुछ समय के लिए घर से बाहर हो जाएगा क्योंकि मैं बोलने बहुत लग गया था कभी तो वो ऐसे स्कूल फेंकर आता था जैसे किसी भारी भरकम पत्थर को फेंका जाता था।
जानना चाहते है कि उस समय की जिन्दगी क्या थी? एक तो मुझे पढ़ाई से प्यार हो गया था। इसलिए मैं हर ताने और हर कष्ट को सहकर भी आगे पढ़ना चाह रहा था। उस समय के स्कूल स्कूल स्कूल न होकर बल्कि एक नाममात्र की संस्थाएं होती थी मैं अपनी जिन्दगी के वो दिनजानता हूँ कि जब मुझे अधिक समय बैठे रहने और पेशाब आने के दर्द शुरू हो जाता था तो मैं धीरे-धीरे उसे कपड़ो में ही कर देता था और उसे सुखने के लिए घन्टों में अपनी जगह नहीं छोड़ता था। अपनी मुश्किले किसी से नहीं कहता था क्योंकि मैं जानता था कि अगर मै मुश्किले बताऊंगा तो मुझे पढ़ाई से उठा लिया जाएगा .......इसी प्रकार शरीर को कई चीजे सहने की आदत पड़ गई पर मैं किसी भी हालत मे पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहता था।
राखी जैन जी एक संजीदा कवियत्री हैं जो इंदौर मध्यप्रदेश की निवासी हैं।आप सामाजिक, तात्कालिक, प्रेरणादायक, भावना प्रधान ग़ज़ल व कविता कहती हैं। हिन्दी साहित्य आपका प्रिय विषय रह
राखी जैन जी एक संजीदा कवियत्री हैं जो इंदौर मध्यप्रदेश की निवासी हैं।आप सामाजिक, तात्कालिक, प्रेरणादायक, भावना प्रधान ग़ज़ल व कविता कहती हैं। हिन्दी साहित्य आपका प्रिय विषय रहा है। आप लेखन में गत कई वर्षों से जुड़ी हुई हैं। आपका लेखन सहज - सरल व भावप्रधान होता है, जो सरलता से पाठकों के हृदय को स्पर्श करने में सक्षम है। आपको ग़ज़ल, कविता, कहानी लेखन व मंच संचालन में विशेष रुचि है। यह आपका प्रथम कविता संग्रह है।
एक भावपूर्ण बहन भाई की रोचक कहानी समाज हर वक्त गलत नजरों से देखता रहा
समाज इतना गलत कैसे हो सकता है मुझे जवानी से ही की प्यास पर यह प्यास मेरी पूरी कभी नहीं हो सकती न आज —--कल बह
एक भावपूर्ण बहन भाई की रोचक कहानी समाज हर वक्त गलत नजरों से देखता रहा
समाज इतना गलत कैसे हो सकता है मुझे जवानी से ही की प्यास पर यह प्यास मेरी पूरी कभी नहीं हो सकती न आज —--कल बहन का प्यार नहीं मिल सका न अपने से न बेगाने से ।
1977 और 72 के बीच में जब मैं अपने से बड़ी एक लड़की से बहन जैसा प्यार करता था --- हर एक को समझने में बहुत देर लग गई थी
आज वह इस दुनिया में नहीं है ---- सिर्फ यादें हैं सिर्फ यादें जिन्हें भिगोकर रख गया ।
इन भजनों से भी उत्कृष्ट और परम् कल्याणकारी भजनों का संग्रह आपके पास हो तथापि पाठकवृंद, आप इस प्रयास के साक्षी रहें, ये रचनाएँ यदि आपके मानस पटल को स्पर्श भी कर पायें तो मेरा यह प्र
इन भजनों से भी उत्कृष्ट और परम् कल्याणकारी भजनों का संग्रह आपके पास हो तथापि पाठकवृंद, आप इस प्रयास के साक्षी रहें, ये रचनाएँ यदि आपके मानस पटल को स्पर्श भी कर पायें तो मेरा यह प्रयास सार्थक होगा, और आगे भी भक्तिभाव से ओतप्रोत भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत करने को तत्पर रहूँगा,ऐसा मेरा मानना है..! मेरे गीत भजनों रचनाओं का संकलन कर इस पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए मुझे प्रेरित और मार्गदर्शन देने वाले मेरे अभीष्ट मित्रों का अंतर्मन से आभार व्यक्त करते हुए,ईश्वर की महती कृपा आप सब पर बनी रहे।
रचनाएँ यदि आपके मानस पटल को स्पर्श भी कर पायें तो मेरा यह प्रयास सार्थक होगा, और आगे भी भक्तिभाव से ओतप्रोत भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत करने को तत्पर रहूँगा,ऐसा मेरा मानना है..! म
रचनाएँ यदि आपके मानस पटल को स्पर्श भी कर पायें तो मेरा यह प्रयास सार्थक होगा, और आगे भी भक्तिभाव से ओतप्रोत भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत करने को तत्पर रहूँगा,ऐसा मेरा मानना है..! मेरे गीत भजनों रचनाओं का संकलन कर इस पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए मुझे प्रेरित और मार्गदर्शन देने वाले मेरे अभीष्ट मित्रों का अंतर्मन से आभार व्यक्त करते हुए,ईश्वर की महती कृपा आप सब पर बनी रहे।
" नफ़रत भरी दुनियां में मोहब्बत का पाठ सिर्फ़ उर्दू शायरी ही पढ़ा सकती हैं, उर्दू शायरी पढ़ने वाला व्यक्ति ही लोगों के दुखों और मुसीबतों को समझता हैं, वो हमेशा नरम दिल रहता हैं, और
" नफ़रत भरी दुनियां में मोहब्बत का पाठ सिर्फ़ उर्दू शायरी ही पढ़ा सकती हैं, उर्दू शायरी पढ़ने वाला व्यक्ति ही लोगों के दुखों और मुसीबतों को समझता हैं, वो हमेशा नरम दिल रहता हैं, और कभी किसी को नफ़रत और चोट नहीं पहुंचा सकता , न ही वो कभी कठोर दिल हो सकता हैं, अपनी बड़ी से बड़ी बातों को 2 लाइन में कह सकता हैं, और दुनियां में मोहब्बत फ़ैला सकता हैं "
"समागम: एन एंथोलॉजी ऑफ डाइवर्सिटी" में आपका स्वागत है। साहित्यिक कार्यों के इस संग्रह में, हम असंख्य मानव अनुभवों के माध्यम से एक यात्रा शुरू करते हैं, जो हमारी विविध दुनिया की सम
"समागम: एन एंथोलॉजी ऑफ डाइवर्सिटी" में आपका स्वागत है। साहित्यिक कार्यों के इस संग्रह में, हम असंख्य मानव अनुभवों के माध्यम से एक यात्रा शुरू करते हैं, जो हमारी विविध दुनिया की समृद्धि और सुंदरता का जश्न मनाते हैं।
उसकी राह में फूल ही फूल बिछे थे... मदहोश कर देने वाली सुगन्ध बिखरी पड़ी थी..... अनिता की बाहों में बाँहें डाले वह जिन्दगी के मीठे नगमे गा रहा था परन्तु एक मोड़ के पश्चात वह राह बदल गई। अ
उसकी राह में फूल ही फूल बिछे थे... मदहोश कर देने वाली सुगन्ध बिखरी पड़ी थी..... अनिता की बाहों में बाँहें डाले वह जिन्दगी के मीठे नगमे गा रहा था परन्तु एक मोड़ के पश्चात वह राह बदल गई। अब जिस दर्दनाक राह पर वह खड़ा था.... वह ठुकराती राह थी... वह राहें बदलता रहा परन्तु राहें उसे ठुकराती रहीं । यह सिलसिला बढ़ता ही गया... और आज उसे महसूस हुआ कि वह राह का राही नहीं बल्कि राह का वह पत्थर है, जिसे गुजरते राही ठोकर मार कर आगे बढ़ जाते हैं।
★ 'झूठ' । सहसा चन्दा बाई चिल्ला उठी । "शराब, सिगरेट, एकान्त और यह चेहरा मैं तुम्हारा देख रही हूं, यह सब क्या है ? तुम आज तक उसको अपने जेहन से उतार नहीं सके हो । तुम्हारी दशा चलती-फिरती ल
★ 'झूठ' । सहसा चन्दा बाई चिल्ला उठी । "शराब, सिगरेट, एकान्त और यह चेहरा मैं तुम्हारा देख रही हूं, यह सब क्या है ? तुम आज तक उसको अपने जेहन से उतार नहीं सके हो । तुम्हारी दशा चलती-फिरती लाश सी है और तुम अभी तक अविवाहित हो। तुमने किसी और लड़की से विवाह क्यों नहीं कर लिया ?"
★ "मैं नाचूंगी... केवल इसीलिए ताकि कलियुग को एक कदम और आगे ले जा सकूँ। लोगों की रात की रानी बन कर उन्हें वासना पूर्ण नींद दे सकूँ और तुम्हें ढेर सारे पैसे ताकि तुम इन बदमाशों को पाल सको ।"
★ दो शरीर एक साथ एक ही चितागाह में जल रहे थे ताकि दो आत्माओं का मिलन सम्भव हो सके।
इसी उपन्यास में से....
कभी-कभी मेरे चाहने वाले इच्छा जाहिर करते हैं कि मैं रोमांस के ऊपर कुछ कविताएं लिखूं क्योंकि मेरी कविताएं दर्द से भरी रचनाएं होती है। क्योंकि जिंदगी में मैं हंसी मजाक की कविताएं
कभी-कभी मेरे चाहने वाले इच्छा जाहिर करते हैं कि मैं रोमांस के ऊपर कुछ कविताएं लिखूं क्योंकि मेरी कविताएं दर्द से भरी रचनाएं होती है। क्योंकि जिंदगी में मैं हंसी मजाक की कविताएं नहीं लिख सकता, एक दर्द, एक ऐसा दर्द जो मुझे, मेरी कलम को दर्द की कविताएं लिखने को मजबूर कर देता है।
इसकी बहुत सारी कविताएं मैंने 80 से 90 तक के बीच में लिखी थी -यहकविताएं मेरी जिंदगी के किसी के आधार पर हैं-- हमारी संस्था भारतीयविकलांग कल्याण संस्था 89 में प्रकाशित किया था -उसके उपरां
इसकी बहुत सारी कविताएं मैंने 80 से 90 तक के बीच में लिखी थी -यहकविताएं मेरी जिंदगी के किसी के आधार पर हैं-- हमारी संस्था भारतीयविकलांग कल्याण संस्था 89 में प्रकाशित किया था -उसके उपरांत मैंनेबहुत कम कविताएं लिखी- पर यह जितनी भी संस्था ने छापी थी - आपलोगों ने बहुत पसंद किया -इस पुस्तक का रिपोर्ट भी अच्छा है - समय काअभाव रहा क्योंकि मैं बैंक कर्मचारी बन चुका था -कविताएं लिखता रहा-जहां पर मुझे मौका मिलता मैं बोलता रहा - रुचि के साथ-साथसामाजिक कार्य भी करता रहा जिसका विवरण शायद हमने इसमें दियाहै-
इस काव्य संग्रह 70 और 80 के दशक में कविताएं लिखी थी -- का प्रकाशन भारतीय विकलांग कल्याण संस्था तथा दिल्ली दूरदर्शन ज्ञानदेव मंडल द्वारा दोनों संस्थाओं ने मिलकर प्रकाशन किया इस पुस्
इस काव्य संग्रह 70 और 80 के दशक में कविताएं लिखी थी -- का प्रकाशन भारतीय विकलांग कल्याण संस्था तथा दिल्ली दूरदर्शन ज्ञानदेव मंडल द्वारा दोनों संस्थाओं ने मिलकर प्रकाशन किया इस पुस्तक में काफी कविताएं आयोजनों में सुनाई --- प्रशंसा की गई-- विकलांगता के कारण एक निराशा भी मेरे साथ जिंदगी में चलती रहती थी- कभी-कभी मेरी कविताओं में निराशावादी था - निराशावादी जन्म लेता था . एक हसरत है।
यह पुस्तक एक छोटा सा प्रयास है। कलयुग के समय मे जीवन को हिम्मत हौसले से जीने का पैगाम देती हुई। यदि मेरी इस पुस्तक के मध्यम से किसी एक का जीवन भी उजागर होता है। किसे टूटे हारे हुए व
यह पुस्तक एक छोटा सा प्रयास है। कलयुग के समय मे जीवन को हिम्मत हौसले से जीने का पैगाम देती हुई। यदि मेरी इस पुस्तक के मध्यम से किसी एक का जीवन भी उजागर होता है। किसे टूटे हारे हुए व्यक्ति को हौसला प्रेरणा मिलता है तो यह मेरा सौभाग्य और सफलता होगी। सभी पाठको को मेरी स्नेह भरी शुभकामनाएं।
शिलांकित' इस जीवन-यात्रा में मिले सुखद एवं दुःखद पलों का शब्द-चित्र मात्र है । अब मेरी क़लम यहाँ कुछ नहीं कहना चाहती। मैं जाड़े की शामों का आभारी हूँ जिसने मुझे टेबल-कुर्सी पर बैठक
शिलांकित' इस जीवन-यात्रा में मिले सुखद एवं दुःखद पलों का शब्द-चित्र मात्र है । अब मेरी क़लम यहाँ कुछ नहीं कहना चाहती। मैं जाड़े की शामों का आभारी हूँ जिसने मुझे टेबल-कुर्सी पर बैठकर कुछ मनन करने और खुद को खुद के साथ रहने का मौक़ा दिया।
अंधेरे-उजाले मेरी ज़िंदगी के उन क्षणों को याद कराते हैं जो क्षण कभी उदासी में तो कभी बहुत मुस्कुराते हुए बीतते थे। हर इंसान की ज़िंदगी में कभी अंधेरा तो कभी उजाला ज़रूर आता है पर
अंधेरे-उजाले मेरी ज़िंदगी के उन क्षणों को याद कराते हैं जो क्षण कभी उदासी में तो कभी बहुत मुस्कुराते हुए बीतते थे। हर इंसान की ज़िंदगी में कभी अंधेरा तो कभी उजाला ज़रूर आता है पर इसे हर इंसान को बखूबी सहन करने की आदत रखनी चाहिए।
अंधेरा मेरी ज़िंदगी में तब आया जब मैं अंधेरे को पहचानता ही नहीं था, यानी मैं मात्र दो - ढाई वर्ष का था जब मेरी दोनों टाँगे पूर्णतः चली गई। ज़िंदगी भर मस्त रहते हुए मैं इस अंधेरे को दूर करता रहा। फिर यह अंधेरा मेरी ज़िंदगी में उजाला बन गया। यही कारण है की इस पुस्तक में मैंने काव्य के माध्यम से अंधेरे व उजाले दोनों पर लिखा।
मेरी ज़िंदगी के कुछ अंश भी इसमें डाले गये हैं। ये शायद आपको अच्छे लगेंगे। आप अपने विचारों से मुझे अवगत करवायें। आने वाली पुस्तकों में मैं और बेहतर लिखूँगा।
धन्यवाद....
आशा करती हूँ ये मेरे द्वारा रचित काव्य संग्रह पुस्तक आपको भी पसन्द आएगी और आप सब इसे अमूल्य प्रेम दीजिएगा । रोजमर्रा से सम्बंधित ज़िन्दगी की हर बारिकियों को कविता के माध्यम से प्
आशा करती हूँ ये मेरे द्वारा रचित काव्य संग्रह पुस्तक आपको भी पसन्द आएगी और आप सब इसे अमूल्य प्रेम दीजिएगा । रोजमर्रा से सम्बंधित ज़िन्दगी की हर बारिकियों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है ।
यह पुस्तक प्रवीण बहल जी द्वारा लिखित कुछ कविताओं व उनके जीवन में घटित घटनाओं पर आधारित है। यह पुस्तक विकलांग वर्ग के जीवन में आने वाली परेशानियों से हमें अवगत करती है। आशा है यह
यह पुस्तक प्रवीण बहल जी द्वारा लिखित कुछ कविताओं व उनके जीवन में घटित घटनाओं पर आधारित है। यह पुस्तक विकलांग वर्ग के जीवन में आने वाली परेशानियों से हमें अवगत करती है। आशा है यह पुस्तक आपको ज़रूर पसंद आयेगी।
इस किताब में मैंने साहित्य से ज्यादा लोगो को मनोभावना को छूने का काम किया है। इसमें प्रेम, मित्रता, आध्यात्म, सकारतमकता ,देशभक्ति , नारी शक्ति, आदि पर संबंधित कविताएं।यह पुस्तक आ
इस किताब में मैंने साहित्य से ज्यादा लोगो को मनोभावना को छूने का काम किया है। इसमें प्रेम, मित्रता, आध्यात्म, सकारतमकता ,देशभक्ति , नारी शक्ति, आदि पर संबंधित कविताएं।यह पुस्तक आपके दिल को छू जाएगी और एक संदेश भी आपको प्राप्त होगा। इ इस किताब की रचनाओं को मैने पिछले कई सालों में संकलित किया है।। आप सब इन रचनाओं को साहित्य के उद्देश्य से नहीं बल्कि अपने भावनाओ को ऊपर रखते हुए पढ़ेंगे आपको जरूर पसंद आएगी।
Spoken straight from the heart, these poems can only be classified under the umbrella of emotions of life and hope. Unbounded by any serious topic,
Spoken straight from the heart, these poems can only be classified under the umbrella of emotions of life and hope. Unbounded by any serious topic,
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