अंधविश्वास के भी अपने अपने कर्म विधान होते हैं। हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों में प्रमुख श्रीमदभागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अपने श्रीमुख से भगवत प्राप्ति के तीन प्रमुख उपाय बतलाये हैं, ज्ञान योग, कर्म योग एवं भक्ति योग। लेकिन कुछ लोभी प्रकृति के लोगों ने इन मार्गों को अंधविश्वास के गहरे सागर में धकेल दिया है। कुछ स्वार्थी ज्योतिषाचार्यों ने तो इसकी पराकाष्टा ही पार कर दी है और ऐसे ऐसे अंधविश्वास के कर्म भोले भाले व्यक्तियों पर लाद कर उनका शोषण किया गया है जिसकी कोई भी वैज्ञानिक अवधारणा ही नहीं है।