ये“सोना सिन्हा” , बिहार की राजधानी पटना की निवासी है तथा इन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा पटना में रह कर ही प्राप्त की है साथ ही मैं लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर से प्राप्त की है।
विभिन्न क्षेत्रों में योगदान एवम् सम्मान की हकदार बनी है जैसे की कला संस्कृति,”रोल of CSOs in promotion of climate Action, जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता, “आत्मनिर्भर भारत”स्वस्थ, शिक्षा एवं स्वावलंबी जागरूक कार्यक्रम, मशरूम प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग प्रोग्राम from HAIC Agro R & D centre,Murthal इत्यादि। ये धार्मिक प्रवृत्ति की भी है।
लिखने की जिज्ञासा इन्हें बारह साल पहले हुई थी, मगर दस साल से इन्होंने अपने विचारों एवम् भावनाओं को शब्दों में पिरोना जिंदगी का एक हिस्सा बना ली। लिखने का जुनून कुछ इस तरह इन पे सवार है जिस तरह जीने केलिए सांसे जरूरी हो।
इन्होंने बहुत सारा किताब लिखी है जिसमें “अंतरात्मा की आवाज़” , “बिहार की पहचान” , “कविता संग्रह” हमारी संस्कृति,”चैत मास स्पेशल” , रक्षा बंधन, इत्यादि इनका प्रसिद्ध किताब में से एक है। ये धार्मिक विचार की है इसलिए इन्होंने “सावन मास” लिख कर अपनी भावनाओं और सावन मास की विशेषता बताई हैं।
“आज़ाद परिंदे” किताब लिख कर ये लोगों को हर तरह से आज़ाद हो कर ज़िंदगी जीने केलिए प्रेरित कर रही है।