’’गीता - काव्य 700 श्लोक - 700 कविताएँ’’ एक विशेष काव्य संग्रह है, जिसमें योगेश्वर श्रीकृष्ण की अमूल्य वाणी को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है। डॉ. मुकेश अग्रवाल ने इस पुस्तक के माध्यम से श्रीमद्भगवद्गीता के 700 श्लोकों को एक नई दृष्टि से देखना संभव किया है। हर कविता पाठकों को गीता के गहन अर्थ और शिक्षाओं में डूबने का अवसर देती है, जो न केवल दार्शनिकता, बल्कि मनोविज्ञान और आध्यात्मिकता के आयामों को भी छूती है।
यह संग्रह जीवन के गहरे सवालों का उत्तर खोजने, आत्मिक शांति पाने और आंतरिक संघर्षों का समाधान करने का मार्गदर्शन करता है। इसमें गीता के श्लोकों का एक नया काव्यात्मक रूप प्रस्तुत किया गया है, जिससे वह हर उम्र और पृष्ठभूमि के पाठकों के लिए प्रेरणादायक बन सके।
मुख्य विशेषताएँः
गहन अन्वेषण- गीता के प्रत्येक अध्याय को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है, जो प्राचीन ज्ञान में नई दार्शनिक दृष्टि प्रदान करता है।
सार्वभौमिक विषय- कर्तव्य, नैतिकता और सत्य जैसे मौलिक मानवीय मूल्यों को संबोधित करता है।
मनोवैज्ञानिक गहराई- अर्जुन के आंतरिक संघर्षों को उजागर करता है, जिससे यह आधुनिक पाठकों के लिए संबंधित हो जाता है।
आध्यात्मिक मार्गदर्शनरू आत्म-ज्ञान और दिव्य संबंध के मार्ग को उजागर करता है।
आकर्षक भाषा- गहन शिक्षाओं के साथ काव्यात्मक सौंदर्य को जोड़ता है, जिससे यह सुलभ और प्रेरणादायक बनता है।
प्रेरक संदेशरू सभी पाठकों के लिए सुलभ और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला।
आओ आत्म-खोज और आत्मज्ञान के इस यात्रा पर चलें!
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