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Haa yaa Naa / हाँ या ना

Author Name: Kamlesh Sapiens | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

एक ‘हाँ या ना’ कितना कुछ तय कर सकता है ये कहानी इसी पर आधारित है! हालांकि भविष्य में क्या होगा ये हम पहले पता नहीं कर सकते और हम अपनी वर्त्तमान की मौजूदा स्थिति के अनुसार ही निर्णय लेते है जो पुर्णतः सही है मगर कई बार हमारे निर्णय लेने के बाद भविष्य या उस निर्णय से चंद पल बाद ही अगर कुछ गलत हो जाता है तो हम अपने निर्णय को गलत पाते है! किताब में दो अलग-अलग कहानियां है! पहली कहानी की मुख्य पात्र नुक्ता है और इस कहानी को लेखक द्वारा वर्तमान काल में लिखने की कोशिश की गई ताकि पाठक कहानी को  पढ़ते हुए उसमें खो सके! दूसरी कहानी का मुख्य पात्र हरी है! जिसमें आज की दौड़ भाग भरी ज़िन्दगी से अलग एक ज़िन्दगी को बताने की कोशिश की गई है और हरी की कहानी एक सच्ची घटना है! भलें ही दोनों कहानियों का अंत बॉलीवुड की कहानियों की तरह नहीं है मगर हर कहानी का एक सफ़र होता है जो इन दोनों कहानियों में पाठक अनुभव कर सकते है!

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कमलेश सेपियन्स

कमलेश सेपियन्स एक  हिंदी भाषी क्षेत्र के लेखक है जो हाल में राजस्थान में रहते है! इनकी पहली किताब हाल ही में पब्लिश हुई है जिसका नाम वैगटेल है! वैगटेल में कविताओं का संग्रहण है! यह कमलेश की दूसरी किताब है जिसमे २ कहानिया है!

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