बच्चे देश का सुनहरा भविष्य हैं। बाल मन बहुत ही कोमल होता है। जैसा भी ढालो उसी रूप में ढल जाता है । मेरी ये सारी कविताएँ बाल मित्रों के लिए लिखी गई हैं। अब तक मैं बाल रचनाएँ लिखती चली आई हूँ। अब मैं बाल कविताओं को पुस्तक के रूप में बच्चों तक पहुँचाना चाहती हूँ। ये मेरा पहला बाल कविता संग्रह है जो प्रकाशित करवा रही हूँ। इस बाल संग्रह में प्रार्थना से लेकर पशु-पक्षी, प्रकृति , परिवार , देश प्रेम आदि विविध प्रकार की कविताओं को संकलित किया गया है। जिसमें रोचकता के साथ साथ ज्ञान की बातों का भी समावेश किया गया है ।मेरी बाल कविताएँ जैसी भी हो ,कुछ विचार हैं, जिन्हें मैं अपने बाल मित्र , पाठकों तक पहुँचाना चाहती हूँ।