जीवन हर किसी के लिए भिन्न-भिन्न अनुभवों, कहानियों और संघर्षों का संगम है। इसी जीवन के अनगिनत रंगों में से ‘आनंद’ या ‘प्रसन्नता’ वह रंग है, जिसे हम सबसे अधिक खोजते हैं। मेरी पुस्तक ‘हैप्पीएस्ट’ इसी खोज की यात्रा पर आधारित है।
यह पुस्तक केवल एक विचार नहीं है, बल्कि मेरा और आप सभी का जीवन के प्रति एक प्रतिबिंब है। इसे लिखते समय मैंने केवल एक ही प्रश्न अपने आपसे पूछा—क्या सच में ‘प्रसन्नता’ कोई अंतिम गंतव्य है, या यह हमारे प्रतिदिन के जीवन की एक छोटी-सी परछाई है जिसे हम कभी-कभी अनदेखा कर देते हैं?
पुस्तक का हर अध्याय उन क्षणों को संजोने की प्रयास करता है जो हमें ‘प्रसन्न’ बनाते हैं—चाहे वह छोटी-छोटी जीत हों, किसी प्रियजन के साथ बिताया गया समय, या अपने अंदर की शांति। यह उन पाठकों के लिए है, जो शायद प्रतिदिन की भागदौड़ में भूल चुके हैं कि प्रसन्नता वास्तव में छोटे-छोटे पलों में छुपी होती है।
‘हैप्पीएस्ट’ लिखने का उद्देश्य न केवल हमें प्रेरित करना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि प्रसन्नता बाहरी परिस्थितियों से अधिक, हमारी अपनी मानसिकता पर निर्भर करती है। मैंने अपने जीवन और अपने आसपास के अनुभवों से कई कहानियां और उदाहरण साझा किए हैं। आप पाएंगे कि वास्तविक प्रसन्नता पाने के लिए हमें स्वयं को पहचानना और स्वीकार करना होता है।
इस पुस्तक को लिखते समय, मैंने महसूस किया कि प्रसन्नता की सबसे खास बात यह है कि इसे पाने के लिए हमें किसी जादू की आवश्यकता नहीं है। जो लोग दूसरों को प्रसन्नता बांटते हैं, वे स्वयं सबसे ‘हैप्पीएस्ट’ होते हैं।
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