संसार मे चल रहे हररोज के क्रियाकलापों और मन में उमड़ते अथाह विचारसमूहों का परिणाम होता है साहित्य। लेखक अपने चारों और जिन चीजों को घटित होते देखता है वो उसके मन मस्तिष्क पर अंकित होकर उसे झंझोरती है और उसकी कलाम चल पड़ती है कुछ सृजन करने को, इसी तरीके से दुनिया का सभी साहित्य रचा गया है। प्रस्तुत काव्यसंग्रह 'हर घर तिरंगा' भी ऐसी ही समसामयिक घटनाओं और समाचारों पर आधारित कविताओं का संग्रह है। हर घर तिरंगा संग्रह की पहली कविता है जिसे आवरणशीर्षक रखा गया है। इस साल भारत आजादी का अमृतोत्सव (75 साल पूरे होने पर) बना रहा है, इसी उपलक्ष्य में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया। इसी तरह संग्रह की सारी कविताएं पिछले दो सालों की घटनाओं पर आधारित है।