मनुष्य ने जब पृथ्वी पर जन्म लिया तब उसने पृथ्वी की चीजों को देखा और प्राकृतिक नियमों को नहीं समझ पाया जैसे की बारिश का होना, बिजली कड़कना, आग लगना । इस प्रकार से वह थोड़ा भयभीत हो गया उसके पश्चात उसने सोचा कि इन नियमों को चलाने वाला कोई न कोई जरूर है फिर उसके बाद उसने इस शक्ति का नाम दिया और फिर पूजा शुरू करने लगा। लेकिन प्रथम मनुष्य ने कहां, कैसे और कब पूजा प्रारंभ की ? यह एक अध्ययन का विषय है जिस पर लंबी शोध की आवश्यकता है। लेकिन फिर भी जहां तक बन सका है इस पुस्तक में मैंने प्राचीन पूजा स्थलों का संक्षिप्त विवरण दिया है जो कि सभी धर्म के हैं।
लगभग सभी धर्म के लोग दावा करते हैं कि मेरा धर्म सबसे पुराना है और वहीं से पूजा की प्रारंभ हुई लेकिन यह तो पुरातात्विक खोज- बीन से पता चलता है कि कौन कितना पुराना है । इसी का संक्षिप्त विवरण इस पुस्तक में दिया है कृपया पढ़ें और ज्ञान अर्जित करें यदि कोई कमी हो तो अवगत काराये और कोई आपकी जानकारी में अधिक विषय हो तो बताएं जिससे मैं जोड़ सकूं ।
धन्यवा
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