इप्सा पुस्तक एक विज्ञान कथा है। जिसमें एक गुप्त परियोजना "इप्सा" के अंतर्गत टाइम मशीन का निर्माण किया जा रहा है। मुख्य पात्र डॉ. राघव आचार्य, छात्र वैज्ञानिक राजीव और उनके दो मित्र चित्रा और विजय हैं। इसके अलावा, संस्थान में कार्यरत अन्य वैज्ञानिक साथी डॉ. सतीश, श्यामा, विशाल, हेमांगी और हेतल द्वितीयक पात्रों के रूप में महत्वपूर्ण हैं। डॉ. राघव -राजीव द्वारा टाइम मशीन बनाए जाने के बाद राजीव द्वारा समय यात्रा की जाती है। इस दौरान राजीव के समक्ष उसके पूर्वजन्म से जुड़े कई रहस्य उजागर होते हैं। परिणामस्वरूप, उसका वर्तमान जीवन बदलता हुआ प्रतीत होता है। यह पुस्तक 19वीं शताब्दी के समय में समाज की बुराइयों का भी वर्णन करती है । इप्सा पुस्तक के में आपको मुख्य पात्र राजीव एवं अन्य पात्रों से जुड़ी मित्रता, प्रेम, वियोग, वैज्ञानिकों के संघर्ष, इतिहास, दार्शनिक सिद्धांतों एवं समय यात्रा के दौरान कुछ रहस्यों का अवलोकन मिलेगा।इप्सा भाग 2 मे जिसके बाद राजीव अपने मन में उठने वाले कई सवालों के जवाब पाने के लिए बैंगलोर लौटता है। इस दौरान राजीव को पता चलता है कि राजीव के कई रहस्यों को डॉ. राघवाचार्य ने टाइम मशीन का उपयोग करके समय के चक्र से छिपा दिया है । जैसे-जैसे ये रहस्य उजागर होते हैं, उसके साथ काम करने वाले उसके दोस्तों के पिछले जन्मों के रहस्य भी सामने आते हैं। 1829 से 1930 ई. के बीच हुए स्वतंत्रता आंदोलन और क्रांतिकारी गतिविधियों के वास्तविक पात्रों को राजीव और उसके दोस्तों के काल्पनिक पात्रों के साथ जोड़कर भारत में क्रांति की लहर को दिखाने का प्रयास किया गया है। कहानी में महाराजा सयाजीराव, अरविंद घोष, भगवती चरण वोहरा और दुर्गावती देवी को भी काल्पनिक रूप से जोड़ा गया है।
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