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Is action the best? / कर्म ही सर्वश्रेष्ठ?

Author Name: Abdul Waheed | Format: Paperback | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

क्या धर्म से सर्वश्रेष्ठ कर्म है ? यह एक ऐसा प्रश्न है जो कहीं ना कहीं कर्म को ही सर्वश्रेष्ठ बताया गया है, यहां तक कि ज्योतिष विद्या में सबसे पहले हेडिंग यही आता है कि भाग्य कर्म से बनता बिगड़ता है। इससे यही साबित होता है कि कर्म सबसे सर्वश्रेष्ठ है। क्योंकि इस्लाम धर्म में भी यदि आपके इंसानों के प्रति कर्म अच्छे नहीं है तो उसको अल्लाह भी माफ नहीं करता है जब तक की इंसान माफ ना कर दे। इसी प्रकार से बौद्ध धर्म में कर्म ही मुख्य है क्योंकि उसमें ईश्वर की अवधारणा ही नहीं है। क्योंकि अब समय बदल गया है लोग कर्म पर अधिक विश्वास करने लगे हैं अब धर्म या ज्योतिष पर कम। हालांकि ज्योतिष विद्या हिंदू धर्म में सिमट कर रह गया है बाकी कोई धर्म नहीं मानता क्योंकि यह उसे एक पाखंड व काल्पनिक मानता है। आज जितने भी उन्नत वाले देश है वह कर्म पर ही आधारित है उन्होंने कर्म के द्वारा ही तरक्की की है धर्म के द्वारा नहीं। आज विज्ञान कर्म पर ही विश्वास करता है क्योंकि उसमें धर्म की अवधारणा ही नहीं है। धर्म तो इंसान को संतुष्ट व संतोष रखने के लिए एक प्रयास है, लेकिन मनुष्य कर्म पर अधिक विश्वास करता है क्योंकि बिना कर्म किए कुछ भी नहीं होता। मनुष्य यह भी मानता है कि बिना कर्म किए ईश्वर मदद नहीं करता। इस कर्म विषय पर यह पुस्तक प्रस्तुत है आपके सामने। कृपया इसे पढ़ें। वैसे अधिक आपके पास जानकारी हो तो कृपया अवगत करायें मैं आपकी जानकारी को साझा करने का प्रयास करूंगा ।

धन्यवाद।

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अब्दुल वहीद

मेरा नाम अब्दुल वहीद है मेरे पिता का नाम स्वर्गीय हाजी उबैदुर्रहमान है व माता का नाम जैबुन्निसा है । मैंने बचपन से ही वैज्ञानिक विचारधारा को पसंद किया है और शांत स्वभाव व पुस्तकों से लगाव रहा है । जिससे मेरी रोज जिज्ञासा रुचि निरंतर नए - नए खोजो को जानकारी में प्रयुक्त रहा है । मैं BSc करते समय पालीटेक्निक में सेलेक्शन हो गया था , लेकिन दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया था क्योंकि पिता और भाई का सर्वगवास हो गया था । 

मेरे पिता जी की दो बातें जो , मेरे जीवन के लिए अत्यंत अनमोल है -

प्रथम - इमानदारी से कमाओ झूठ का सहारा मत लो , 

दूसरा अन्न की इज्जत करो और जितना खाना हो उतना ही लो । 

इसलिए घर की जिम्मेदारी , फिर बाद में विवाह हो जाने के कारण शिक्षा अधूरी रह गई । फिर भी हिम्मत नहीं हारा और आज आपके सामने मेरे विचारों के रूप में पुस्तक उपलब्ध है । यदि कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो कृपया जरूर अवगत कराये । 

धन्यवाद ।

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